2047 के विकसित भारत

Youth for a Developed India of 2047 : विकसित भारत के लिए युवा हों मार्गदर्शित नीतिगत रूप से सशक्त: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

देश ताज़ा ख़बरें

Correspondent: GT Express | 18.07.2025 | Ghar Tak Express |

गुरुग्राम। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने शुक्रवार को जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में युवाओं को सही मार्गदर्शन, तकनीकी सहायता और सुदृढ़ नीति-निर्माण की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान श्री बिरला ने जोर देकर कहा कि “अंत्योदय” अर्थात समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान की भावना को मूर्त रूप देना, हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि देश का कोई भी नागरिक प्रगति की इस दौड़ में पीछे न छूटे। इसी क्रम में उन्होंने जैन समुदाय के प्रयासों की विशेष सराहना करते हुए उन्हें प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय बताया।

बदलाव का वाहक

लोकसभा अध्यक्ष ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि भारत के युवा केवल संख्या में ही नहीं, बल्कि अपने उत्साह, संकल्प और नवाचार की शक्ति में भी अतुलनीय हैं। उन्होंने कहा—

“आज का युवा केवल नौकरी का आकांक्षी नहीं है, वह रोजगार देने वाला भी बन रहा है। स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और ग्रीन एनर्जी मिशन जैसे अभियानों ने उसकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दी है।”

नवाचार और आध्यात्मिकता का संगम

JITO द्वारा आयोजित “JITEM युवा सम्मेलन 2025” का विशेष उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह संगठन केवल व्यापार और उद्यमिता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां जैन सिद्धांत, नवाचार, तकनीक, और सांस्कृतिक मूल्य एक साथ चलते हैं। उन्होंने कहा—

“JITO, व्यापारिक नेतृत्व के साथ-साथ नैतिकता और आध्यात्मिकता का मेल है। यह न केवल जैन समुदाय को सशक्त बना रहा है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी भूमिका निभा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि JITO जैसे संगठन यह सिद्ध करते हैं कि सामाजिक संगठन किस प्रकार आर्थिक, शैक्षणिक और सेवा आधारित कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

सेवा, नैतिकता और वैश्विक योगदान

श्री बिरला ने जैन समुदाय की विभिन्न क्षेत्रों में भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जैन समाज ने व्यापार, उद्योग, विज्ञान, तकनीक, समाजसेवा और यहां तक कि सरकारी सेवाओं में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है।

उन्होंने बताया कि—

“जैन समुदाय ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी सेवा, नैतिकता, त्याग और सामाजिक सहभागिता के माध्यम से समृद्धि और स्थायित्व का योगदान दिया है।”

उन्होंने कहा कि जैन धर्म के मूल सिद्धांत—अहिंसा, संयम, त्याग, सहयोग और शांति—आधुनिक समाज में भी प्रासंगिक हैं।

लोकतंत्र की भारतीय परंपरा पर प्रकाश

श्री बिरला ने भारतीय लोकतंत्र की गहराई और स्थायित्व पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र कोई नई अवधारणा नहीं है, बल्कि यह देश की परंपरा, कार्य-संस्कृति, और अध्यात्म से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा—

“जब भारत आज़ाद हुआ, तब विश्व को संदेह था कि भारत जैसा विविधताओं से भरा देश लोकतंत्र में सफल नहीं हो पाएगा। लेकिन हमने इन शंकाओं को गलत साबित किया। आज भारत विश्व का सबसे सशक्त और सक्रिय लोकतंत्र है।”

श्री बिरला ने कहा कि भारत में विचार-विमर्श, मतभेद के साथ संवाद, और संकट के समय सामूहिक निर्णय लेने की परंपरा रही है। इसी विशेषता के चलते भारत ने कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी लोकतंत्र को जीवित और प्रगतिशील बनाए रखा है।

मंच और महत्व

“JITO युवा सम्मेलन 2025” के मंच पर देशभर से आए युवाओं, नवाचारकर्ताओं, उद्यमियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। इस सम्मेलन का उद्देश्य था युवाओं को आर्थिक, नैतिक और सामाजिक क्षेत्रों में जागरूक करना और उन्हें सही दिशा देना।

JITO की गतिविधियों की सराहना

श्री ओम बिरला ने कहा कि JITO की आर्थिक गतिविधियाँ जैसे स्कॉलरशिप, युवा प्रोत्साहन योजना, स्टार्टअप इनक्यूबेशन, वंचितों के लिए स्वास्थ्य सेवा, और आपदा में राहत कार्य बेहद प्रेरक हैं। उन्होंने इस संगठन की उस सोच की सराहना की जिसमें “समाज से लिया और समाज को लौटाया” की भावना प्रबल है।

सामूहिक प्रयास का संकल्प

अपने अंतिम संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ने युवाओं, सामाजिक संगठनों और विशेष रूप से JITO से अपील की कि वे वर्ष 2047 तक भारत को एक आत्मनिर्भर, समावेशी और नैतिक रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने में पूरी भूमिका निभाएं।

“2047 तक का भारत – केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक रूप से भी विकसित होना चाहिए। इसके लिए युवाओं की ऊर्जा, संगठनों की भागीदारी और नीति-निर्माताओं की दूरदर्शिता तीनों का संगम आवश्यक है।”

शिक्षा क्षेत्र
JITO शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक उत्थान का मजबूत माध्यम बनकर उभरा है। संगठन की छात्रवृत्ति योजना (Scholarship Scheme) के अंतर्गत देशभर के हजारों जरूरतमंद और प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अलावा, JITO एजुकेशन फाउंडेशन (JEF) के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, काउंसलिंग सेशन और शिक्षा-उन्मुख संगोष्ठियों का आयोजन  |

स्वास्थ्य क्षेत्र
JITO स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों तक इलाज की पहुंच सुनिश्चित करता है। कैंसर हेल्पलाइन के ज़रिए कैंसर पीड़ितों को परामर्श, इलाज और आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके साथ-साथ मोबाइल हेल्थ वैन (चल चिकित्सा वाहन) दूरदराज़ क्षेत्रों में जाकर नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, दवाइयों का वितरण और प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराती है। कोविड-19 महामारी के दौरान संगठन ने कोविड राहत सेवा चलाकर ऑक्सीजन सिलेंडर, भोजन, दवा और प्लाज़्मा सहायता जैसी पहलें चलाईं।

व्यवसाय क्षेत्र
व्यवसाय के क्षेत्र में JITO ने नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रभावशाली कार्यक्रम शुरू किए हैं। JITO Incubation and Innovation Foundation (JIIF) के अंतर्गत स्टार्टअप्स को सीड फंडिंग, मेंटरशिप और मार्केट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाती है। व्यापार संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमियों के बीच नेटवर्किंग, नॉलेज शेयरिंग और बिजनेस एक्सपेंशन के नए अवसर पैदा किए जाते हैं। इसके तहत जैन युवा उद्यमियों को इंटरनेशनल बेंचमार्क तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया जाता है।

महिला सशक्तिकरण
JITO महिला विंग (JITO Ladies Wing – JLW) महिलाओं के नेतृत्व और सशक्तिकरण को लेकर सक्रिय है। महिलाओं के लिए उद्यमिता कार्यशालाएँ, वित्तीय साक्षरता शिविर और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये पहलें उन्हें आत्मनिर्भर बनने, नए व्यवसाय शुरू करने और सामुदायिक नेतृत्व में भागीदारी हेतु प्रेरित करती हैं। महिलाओं को घरेलू दायरे से बाहर लाकर व्यवसायिक और सामाजिक क्षेत्र में स्थापित करने की दिशा में JITO की ये पहलें अत्यंत प्रभावी रही हैं।

सामाजिक सेवा क्षेत्र
JITO का सामाजिक सेवा क्षेत्र उसके मानवीय दृष्टिकोण का परिचायक है। संगठन समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करता है, जिसमें हजारों सदस्य भाग लेते हैं। पर्यावरण कार्यक्रम जैसे पौधारोपण अभियान, प्लास्टिक मुक्त अभियान और जल संरक्षण अभियान के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा दिया जाता है। आपदा की घड़ी में राहत कार्यों के तहत भोजन वितरण, पुनर्वास सहायता और पुनर्निर्माण जैसी सेवाएं सक्रियता से प्रदान की जाती हैं, चाहे वह बाढ़ हो, भूकंप या महामारी।

Source : PIB

1 thought on “Youth for a Developed India of 2047 : विकसित भारत के लिए युवा हों मार्गदर्शित नीतिगत रूप से सशक्त: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *