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Six for Indian Coast Guard : भारतीय तटरक्षक बल के लिए छह अगली पीढ़ी के गश्ती पोतों में पहले जहाज के निर्माण का शुभारंभ

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Correspondent: GT Express | 23.07.2025 | Ghar Tak Express |

बुजुर्ग समाज का वह आधार स्तंभ होते हैं जिनके अनुभव और जीवन दृष्टि से देश की सांस्कृतिक और सामाजिक नींव मजबूत होती है। उनके सम्मान और सेवा की भावना को मूर्त रूप देते हुए राजस्थान सरकार ने एक सराहनीय पहल की है — “वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना”। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में संचालित इस योजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि बुजुर्गों की सेवा केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि संस्कार भी है।

इस योजना का उद्देश्य है कि राजस्थान के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे वरिष्ठ नागरिक, जो आयकरदाता नहीं हैं, उन्हें देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की एक बार निःशुल्क यात्रा करवाई जाए। यह एक ऐसा प्रयास है जिससे बुजुर्गों को मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक सुकून मिल सके। राज्य सरकार न केवल पूरी यात्रा का खर्च वहन करती है बल्कि सुरक्षित, गरिमापूर्ण और सुविधाजनक अनुभव सुनिश्चित करती है। योजना में बुजुर्गों के लिए एयर कंडीशन्ड ट्रेन और हवाई यात्रा दोनों के विकल्प दिए गए हैं।

56 हजार बुजुर्गों को मिलेगा लाभ

राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत इस वर्ष 56,000 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का अवसर मिलेगा। इनमें से 50,000 यात्रियों को एसी ट्रेनों से और 6,000 को हवाई मार्ग से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी।  भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ को हरी झंडी दिखाकर रामेश्वरम् और मदुरई तीर्थ यात्रा के लिए रवाना किया।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और चयन प्रणाली:

देवस्थान विभाग ने इस योजना के अगले चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया पुनः प्रारंभ कर दी है। इच्छुक नागरिक 10 अगस्त 2025 तक विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति पहले चयनित हुआ और स्वेच्छा से यात्रा पर नहीं गया, तो वह इस बार पात्र नहीं माना जाएगा। जिला स्तरीय समिति द्वारा पात्रता की जांच के बाद 100% अतिरिक्त प्रतीक्षा सूची भी तैयार की जाएगी, ताकि किसी आकस्मिक कारण से छोड़े गए स्थानों को भरा जा सके। प्रत्येक ट्रेन में लगभग 800 वरिष्ठ नागरिक यात्रा कर सकेंगे।

योजना केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पुनरुत्थान का अवसर है। इस बार 15 रेल मार्गों के माध्यम से लगभग 40 तीर्थ स्थलों को यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इनमें हरिद्धार, ऋषिकेश, अयोध्या, वाराणसी, द्वारिकापुरी, सोमनाथ, तिरूपति, गंगासागर, उज्जैन, वैष्णो देवी, श्री हजूर साहिब, पटना साहिब, और गोवा के चर्च तक शामिल हैं। हवाई मार्ग से नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन भी योजना का हिस्सा हैं।

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान बुजुर्गों को हरसंभव चिकित्सा सहायता, सुरक्षित परिवहन, अच्छे भोजन और आरामदायक ठहराव की सुविधा मिले। प्रत्येक ट्रेन में डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध होता है। यात्रियों के लिए नाश्ता, दोपहर और रात्रि भोज की भी पूरी व्यवस्था होती है। ट्रेन के डिब्बों को राजस्थानी संस्कृति — लोक नृत्य, तीज-त्योहार, दुर्गों, मंदिरों और अभयारण्यों — से सजाया गया है ताकि यात्रियों को घर जैसा माहौल महसूस हो।

राजस्थान की संस्कृति को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने का यह एक अभिनव तरीका बन गया है। जहां एक ओर बुजुर्ग आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान की सांस्कृतिक छवि देश के कोने-कोने तक पहुंचती है। योजना के डिब्बों में लोक कलाओं की चित्रकारी, प्रसिद्ध मंदिरों की छवियां, और लोक त्योहारों की झांकियां यात्रियों को गौरव की अनुभूति कराती हैं।

योजना की विशेषताएं एक नजर में

  • केवल राजस्थान के निवासी वरिष्ठ नागरिक पात्र हैं।

  • आयकरदाता नहीं होना चाहिए।

  • एक बार जीवन में योजना का लाभ।

  • पूरी यात्रा का खर्च सरकार द्वारा वहन।

  • हवाई और एसी रेल यात्रा का विकल्प।

  • हर यात्री के लिए मेडिकल सुविधा, भोजन और ठहराव।

  • आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से।

  • जिला समिति द्वारा पात्रता का परीक्षण।

  • ट्रेनों में राजस्थानी सांस्कृतिक दृश्य।

 

योजना का नाम

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना – यह योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण एवं लोककल्याणकारी पहल है, जिसे समाज के वरिष्ठ नागरिकों के प्रति संवेदनशीलता, आदर एवं सेवा भाव से प्रेरित होकर शुरू किया गया है। यह योजना राज्य सरकार की उन नीतियों का हिस्सा है जो सामाजिक न्याय, सम्मान और बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता देती हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने का अवसर देना है, जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है और जो स्वयं तीर्थ यात्रा पर जाने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं।

शुरुआत

इस योजना का विधिवत शुभारंभ 6 जून 2025 को राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा किया गया। शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने जयपुर स्थित दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से भारत गौरव पर्यटक ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें सैकड़ों वरिष्ठ नागरिकों ने रामेश्वरम और मदुरई जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए यात्रा प्रारंभ की। यह कदम न केवल सामाजिक कल्याण की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हुआ, बल्कि सरकार की संवेदनशील सोच को भी उजागर करता है।

पात्रता

इस योजना का लाभ केवल राजस्थान राज्य के स्थायी निवासी वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा। पात्रता की शर्तें निम्नलिखित हैं:

  • आवेदक आयकरदाता नहीं होना चाहिए।

  • योजना का लाभ केवल एक बार दिया जाएगा, यानी जो व्यक्ति पहले इस योजना के अंतर्गत तीर्थ यात्रा कर चुके हैं, वे पुनः पात्र नहीं होंगे।

  • जिन आवेदकों का चयन पूर्व में हुआ था किंतु उन्होंने यात्रा नहीं की, वे इस बार भी अपात्र माने जाएंगे।

लाभ

पात्र वरिष्ठ नागरिकों को एक बार के लिए पूर्णतः निःशुल्क तीर्थ यात्रा का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:

  • एसी ट्रेनों या हवाई मार्ग द्वारा यात्रा

  • नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात्रि भोजन

  • आरामदायक आवास की व्यवस्था

  • चिकित्सकीय सुविधाएं

  • दर्शन की सुविधा एवं यात्रा गाइड

  • सांस्कृतिक रूप से सजाए गए यात्रा साधन और सम्मानजनक व्यवहार

कुल लाभार्थी (वर्ष 2025-26)

राजस्थान सरकार की वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के अनुसार, इस वर्ष कुल 56,000 वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना के अंतर्गत तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है, जिससे योजना की व्यापकता और विस्तार का अनुमान लगाया जा सकता है।

रेलवे यात्री

इस योजना के अंतर्गत 50,000 वरिष्ठ नागरिकों को वातानुकूलित ट्रेनों के माध्यम से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी।

  • प्रत्येक ट्रेन में औसतन 800 यात्री शामिल होंगे।

  • ट्रेनों में विशेष कोचों की व्यवस्था की गई है, जो राजस्थानी संस्कृति, लोककलाएं, तीज-त्योहारों एवं प्रमुख मंदिरों की छवियों से सुसज्जित हैं, जिससे यात्रियों को यात्रा के दौरान भी सांस्कृतिक जुड़ाव महसूस हो।

हवाई यात्री

  • मुख्य रूप से नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर को इस योजना में शामिल किया गया है।

  • यह उन बुजुर्गों के लिए विशेष सुविधा है जो शारीरिक या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से लंबी रेल यात्रा नहीं कर सकते हैं।

तीर्थ स्थल

योजना के तहत यात्रियों को देशभर के लगभग 40 प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन का अवसर मिलेगा। इनमें सभी प्रमुख धर्मों एवं पंथों के पवित्र स्थलों को समाविष्ट किया गया है, जैसे:

  • हिंदू धर्म: रामेश्वरम, मदुरई, हरिद्वार, अयोध्या, वाराणसी, सोमनाथ, द्वारका, तिरुपति, उज्जैन (महाकालेश्वर), ओंकारेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, घृष्णेश्वर, कोणार्क, जगन्नाथपुरी, गंगासागर, गुवाहाटी (कामाख्या)

  • सिख धर्म: अमृतसर (स्वर्ण मंदिर), पटना साहिब (बिहार), श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र)

  • जैन धर्म: पावापुरी, सम्मेदशिखर

  • ईसाई धर्म व अन्य: गोवा के चर्च, अन्य सांस्कृतिक स्थल
    यह धार्मिक समावेशन इस योजना को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनाता है।

आवेदन माध्यम:

योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। इच्छुक वरिष्ठ नागरिक देवस्थान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर सकते हैं।

  • आवेदन करते समय मांगी गई सभी जानकारी व दस्तावेज़ जैसे आयु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, निवास प्रमाण आदि अपलोड करना अनिवार्य होगा।

  • ऑफलाइन, मैनुअल या डाक द्वारा आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

आवेदन की अंतिम तिथि

  • समय सीमा समाप्त होने के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

  • आवेदन करने की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सुरक्षित है।

ट्रेन में सुविधा

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को हर स्तर पर सुरक्षा, गरिमा और सुविधा मिलें। ट्रेनों में विशेष रूप से निम्नलिखित व्यवस्थाएं की गई हैं:

  • चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ: पूरे मार्ग में चिकित्सा सहायता उपलब्ध रहती है।

  • भोजन: नाश्ता, दोपहर व रात का भोजन सभी यात्रियों के लिए तय समय पर वितरित किया जाता है।

  • आवास व्यवस्था: जहां रात्रि विश्राम आवश्यक हो, वहां आरामदायक होटल में ठहरने की व्यवस्था।

  • सांस्कृतिक सजावट: ट्रेनों के डिब्बों को राजस्थानी लोककला, वेशभूषा, त्योहारों एवं प्रमुख स्थलों की चित्रकारी से सजाया गया है, जिससे यात्रा अनुभव और भी खास बनता है।

समिति द्वारा चयन

प्रत्येक जिले में एक जिला स्तरीय पात्रता समिति का गठन किया गया है।

  • यह समिति ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की जांच कर योग्य एवं पात्र व्यक्तियों का चयन करती है।

  • चयन पूरी तरह से पारदर्शी, निष्पक्ष और मापदंड आधारित होता है, जिससे जरूरतमंद व्यक्तियों को ही लाभ मिल सके।

प्रतीक्षा सूची

चयनित यात्रियों की सूची के अतिरिक्त, 100 प्रतिशत अतिरिक्त यात्रियों की प्रतीक्षा सूची (Waiting List) भी तैयार की जाती है।

  • यदि किसी कारणवश कोई चयनित यात्री यात्रा पर नहीं जाता है, तो उस स्थान पर प्रतीक्षा सूची से अगला पात्र व्यक्ति शामिल किया जाएगा।

  • इससे योजना के पूर्ण क्रियान्वयन में बाधा नहीं आती और प्रत्येक सीट का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।

 

Source : DIPR

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