Correspondent: GT Express | 13.07.2025 | Ghar Tak Express |
भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा और निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सभी यात्री डिब्बों और लोको इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन प्रायोगिक प्रयासों की सफलता के बाद लिया गया है, जिनमें डिब्बों में लगाए गए कैमरों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक
कैमरे लगाने की प्रगति की समीक्षा की। इस उच्चस्तरीय बैठक में रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, तकनीकी सलाहकारों और निगरानी विभाग के विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी महीनों में सभी 74,000 यात्री डिब्बों और 15,000 इंजनों को चरणबद्ध तरीके से आधुनिक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से लैस किया जाएगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक यात्री डिब्बे में 4 डोम सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे – दो प्रत्येक प्रवेश मार्ग के पास। वहीं, प्रत्येक लोकोमोटिव इंजन में 6 कैमरे लगाए जाएंगे – आगे, पीछे और दोनों तरफ 1-1 कैमरा, जबकि दोनों कैब (आगे और पीछे) में 1-1 डोम कैमरा और डेस्क पर 2 माइक्रोफोन लगाए जाएंगे। इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ट्रेन के हर क्षेत्र पर 360-डिग्री निगरानी हो सके।
निजता का ध्यान, सुरक्षा में कोई समझौता नहीं
रेल मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्री डिब्बों में कैमरे केवल सामान्य आवागमन क्षेत्रों, जैसे कि दरवाजों और गलियारों में ही लगाए जाएंगे। शौचालयों या व्यक्तिगत क्षेत्रों में कोई कैमरा नहीं लगाया जाएगा। इससे यात्रियों की निजता बनी रहेगी, जबकि सार्वजनिक क्षेत्रों में निगरानी के माध्यम से संभावित खतरों को समय रहते पहचाना जा सकेगा। रेलवे के अनुसार, कैमरे शरारती तत्वों, जेबकतरे, अनधिकृत विक्रेताओं और अन्य असामाजिक गतिविधियों की पहचान में भी सहायक होंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहयोग
रेल मंत्री श्री वैष्णव ने अधिकारियों से यह भी आग्रह किया कि इंडियाएआई (IndiaAI) मिशन के सहयोग से कैमरों द्वारा एकत्र डेटा के विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की क्षमताओं का उपयोग किया जाए। इससे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान स्वचालित रूप से की जा सकेगी। जैसे किसी व्यक्ति का संदिग्ध व्यवहार, अचानक हलचल, लावारिस सामान आदि को एआई आधारित प्रणाली तुरंत अलर्ट कर सकेगी।
चरणबद्ध कार्यान्वयन योजना
रेलवे ने बताया कि यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। पहले चरण में अत्यधिक यात्री भार वाले मार्गों और प्रीमियम ट्रेनों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद अन्य ट्रेनों और क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाएंगे। इस कार्य के लिए रेलवे ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और कई कंपनियों ने भागीदारी में रुचि दिखाई है।
कैमरे से जुड़े तकनीकी फीचर्स
लागू किए जा रहे कैमरों में निम्नलिखित विशेषताएं होंगी:
हाई डेफिनिशन (HD) रिकॉर्डिंग क्षमता
नाइट विजन (IR) मोड
मोशन डिटेक्शन अलर्ट सिस्टम
डाटा एन्क्रिप्शन सुविधा
30 दिनों तक डेटा स्टोरेज
रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा
सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम से कनेक्टिविटी
डाटा गोपनीयता और सुरक्षा की गारंटी
रेलवे ने यह सुनिश्चित किया है कि सीसीटीवी कैमरों द्वारा एकत्र किया गया डेटा सुरक्षित सर्वरों पर एन्क्रिप्टेड रूप में रखा जाएगा। किसी भी प्रकार की अनधिकृत पहुँच को सख्ती से रोका जाएगा। केवल अधिकृत अधिकारी ही फुटेज देख सकेंगे, और आवश्यकता पड़ने पर ही स्थानीय पुलिस अथवा सुरक्षा एजेंसियों को डेटा साझा किया जाएगा।
यात्रियों की प्रतिक्रियाएं
सीसीटीवी लगाने की योजना पर यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। अधिकतर यात्रियों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ेगी और महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों को विशेष राहत मिलेगी। वहीं कुछ यात्रियों ने चिंता व्यक्त की कि सरकार को निजता के मुद्दों पर और पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
रेलवे की सतर्कता रणनीति
इस निर्णय के साथ भारतीय रेलवे ने यह संदेश दिया है कि यात्री सुरक्षा सर्वोपरि है। रेलवे पुलिस (आरपीएफ) और जीआरपी (Government Railway Police) को इन कैमरों से मिली फुटेज का उपयोग कर समय पर हस्तक्षेप करने में सहायता मिलेगी। विशेष रूप से त्योहारों, चुनावों या बड़े आयोजनों के दौरान इन निगरानी प्रणालियों की भूमिका और बढ़ जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय मानकों की ओर कदम
अधिकारियों ने कहा कि यह कदम न केवल देश में रेलवे सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि भारतीय रेलवे को अंतरराष्ट्रीय मानकों की निगरानी प्रणाली की श्रेणी में खड़ा करेगा। अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी जैसे देशों में पहले से ही ट्रेनों में व्यापक सीसीटीवी निगरानी प्रणाली लागू है। भारत भी अब उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सीसीटीवी निगरानी पर एक नजर
1. कुल डिब्बे – 74,000
भारतीय रेलवे के वर्तमान में लगभग 74,000 यात्री डिब्बे हैं जो विभिन्न श्रेणियों जैसे स्लीपर, जनरल, एसी, चेयर कार आदि में विभाजित हैं। इन सभी डिब्बों को आधुनिक निगरानी तंत्र से लैस किया जाएगा ताकि यात्रियों की गतिविधियों पर निगाह रखी जा सके और किसी भी संदिग्ध हरकत की समय रहते पहचान हो सके।
2. कुल इंजन – 15,000
देशभर में लगभग 15,000 लोकोमोटिव (इंजन) संचालित हो रहे हैं, जिनमें विद्युत, डीजल और मिश्रित प्रकार के इंजन शामिल हैं। प्रत्येक इंजन में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना से न केवल लोको पायलट की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे इंजन के सामने और पीछे की स्थिति का भी अवलोकन संभव होगा।
3. प्रत्येक डिब्बे में कैमरे – 4 (प्रवेश द्वार पर)
यात्रियों की आवाजाही वाले मुख्य द्वारों के पास प्रत्येक डिब्बे में 4 डोम सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे – दो प्रत्येक प्रवेश द्वार पर। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिब्बे में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की स्पष्ट रिकॉर्डिंग हो सके और असामाजिक तत्वों की पहचान में सहायता मिल सके।
4. प्रत्येक लोको में कैमरे – 6 (आगे, पीछे, साइड्स, कैब में)
प्रत्येक इंजन में छह कैमरे लगाए जाएंगे:
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एक इंजन के सामने (फ्रंट) की निगरानी के लिए
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एक पीछे (रियर) की ओर
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एक-एक दोनों ओर (साइड्स) के दृश्य हेतु
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और दो कैमरे कैबिन (आगे व पीछे की कैब) में – ताकि लोको पायलट की गतिविधियों, इमरजेंसी हैंडलिंग व संवाद की निगरानी की जा सके।
5. माइक्रोफोन – प्रति कैब में 2
हर इंजन की कैब में 2 अत्याधुनिक माइक्रोफोन लगाए जाएंगे, जिनका उपयोग ध्वनि रिकॉर्डिंग के लिए किया जाएगा। यह ध्वनियाँ संचालन, संवाद, निर्देश और आपातकालीन स्थितियों की रिकॉर्डिंग के लिए उपयोगी होंगी, जिससे घटना की जाँच में सहायता मिल सके।
6. डेटा स्टोरेज अवधि – 30 दिन
सभी कैमरों से प्राप्त वीडियो और ऑडियो डेटा कम से कम 30 दिनों तक सुरक्षित रखा जाएगा। यह डेटा स्टोरेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होगा और विशेष परिस्थितियों में ही अधिकृत अधिकारी इसे एक्सेस कर सकेंगे। इससे किसी भी आपराधिक घटना या विवाद की स्थिति में साक्ष्य के रूप में वीडियो का उपयोग किया जा सकेगा।
7. प्रारंभिक कार्यान्वयन – प्रीमियम/भीड़भाड़ वाले मार्ग
परियोजना के पहले चरण में सीसीटीवी कैमरे प्रीमियम ट्रेनों (जैसे राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत, दूरंतो) और भीड़भाड़ वाले मार्गों (जैसे दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा, मुंबई-चेन्नई आदि) पर लागू किए जाएंगे। इन मार्गों पर यात्री यातायात अधिक रहता है और सुरक्षा की आवश्यकता भी उच्चतम होती है।
8. सहयोग – IndiaAI मिशन
यह परियोजना IndiaAI मिशन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। इसके अंतर्गत सीसीटीवी कैमरों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो का विश्लेषण कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित एल्गोरिद्म से किया जाएगा। इससे संदिग्ध गतिविधियों, लावारिस वस्तुओं, भीड़भाड़ की स्थिति या यात्री व्यवहार में बदलाव को स्वचालित रूप से पहचाना जा सकेगा।
9. गोपनीयता नीति – केवल आवागमन क्षेत्र में कैमरे
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की निजता का पूर्ण सम्मान किया जाएगा। कैमरे केवल डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्रों – जैसे कि गलियारे, दरवाजे और प्रवेश मार्ग – में लगाए जाएंगे। शौचालय, व्यक्तिगत केबिन, या सोने/विश्राम करने के क्षेत्रों में कैमरे नहीं होंगे। इससे यात्री अपनी गोपनीयता को सुरक्षित समझ सकेंगे।
Source :PIB
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