भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ कर, देश और दुनिया के युवाओं को नशे की लत से बचाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन मेड मैक्स’ के अंतर्गत की गई और इसमें 4 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में फैले एक अत्यंत जटिल नेटवर्क को उजागर किया गया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार नशा मुक्त भारत के संकल्प को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
🔍 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित कार्रवाई
यह पूरा ऑपरेशन भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और मध्य पूर्व तक फैले एक वैश्विक ड्रग कार्टेल को ध्वस्त करने की दिशा में था। कार्रवाई के दौरान आठ गिरफ्तारियां की गईं और पांच अंतरराष्ट्रीय खेपों को जब्त किया गया। जांच में शामिल एजेंसियों में NCB के अलावा अमेरिका की ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (US DEA), ऑस्ट्रेलिया की प्रवर्तन एजेंसियां, इंटरपोल और भारत की अनेक खुफिया इकाइयाँ शामिल रहीं।
🚓 ऑपरेशन की शुरुआत बंगाली मार्केट से वैश्विक नेटवर्क तक
25 मई 2025 को NCB की ऑपरेशंस यूनिट को दिल्ली में मंडी हाउस के पास एक कार संदिग्ध लगी। जांच में कार से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल (Tramadol) टैबलेट जब्त किए गए। वाहन में सवार दो युवक नोएडा के एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय से बी. फार्मा स्नातक थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे एक प्रमुख भारतीय B2B प्लेटफ़ॉर्म पर फार्मास्यूटिकल उत्पादों के वेंडर थे, जिनका मुख्य ग्राहक अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में था।
🧩 जांच की परतें दिल्ली से उडुपी और फिर अमेरिका
दोनों अभियुक्तों से मिली जानकारी के आधार पर NCB की टीम रुड़की पहुंची, जहां से एक स्टॉकिस्ट को पकड़ा गया। इसके बाद मयूर विहार, दिल्ली में एक और सहयोगी गिरफ्तार हुआ जिसने कर्नाटक के उडुपी में एक संपर्क का खुलासा किया। यहां से खुलासा हुआ कि इस नेटवर्क ने अब तक अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत विभिन्न देशों को 50 खेपें भेजी थीं।
इन खेपों में शामिल थे:
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अमेरिका: 29 खेपें
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ऑस्ट्रेलिया: 18 खेपें
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एस्टोनिया, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड: 1-1 खेपें
इन विवरणों को इंटरपोल और विदेशी एजेंसियों से साझा किया गया, जिनके आधार पर अमेरिका के अलबामा में एक बड़े मनी लॉन्डरर और री-शिपर जोएल हॉल को पकड़ा गया।
💻 तकनीक का इस्तेमाल एन्क्रिप्टेड चैट और क्रिप्टो पेमेंट
इस सिंडिकेट की सबसे खास बात थी उसका अत्यधिक तकनीक-आधारित संचालन। ड्रग ऑर्डर टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफ़ॉर्म पर लिए जाते थे। भुगतान क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन), PayPal और वेस्टर्न यूनियन से प्राप्त होते थे। सिंडिकेट ने अनाम अंतरराष्ट्रीय ड्रॉप शिपर्स का प्रयोग किया ताकि कानून से बचा जा सके।
डिजिटल फॉरेंसिक जांच के आधार पर नई दिल्ली और जयपुर से दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जो लॉजिस्टिक्स और सप्लाई संबंधी गतिविधियों को संभाल रहे थे।
🌍 वैश्विक नेटवर्क का खुलासा और मास्टरमाइंड की पहचान
जांच में पता चला कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड UAE से संचालन कर रहा था। वह ऑर्डर प्राप्त करने, पेमेंट प्रोसेसिंग और खेपों की आपूर्ति तक पूरे नेटवर्क को नियंत्रित करता था। सप्लाई श्रृंखला को 3 स्तरों में विभाजित किया गया था:
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ऑर्डर मॉड्यूल – प्रमुख B2B प्लेटफ़ॉर्म पर विक्रेता प्रोफ़ाइल बनाई जाती थी
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कॉल सेंटर – उडुपी में स्थापित, जहां 10 कर्मचारी ऑर्डर और ग्राहक सहायता संभालते थे
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डिलीवरी चैनल – री-शिपर्स को खेपें भेजी जाती थीं, जो अंतिम ग्राहक तक डिलीवरी सुनिश्चित करते थे
अधिकांश री-शिपर्स पूर्व खरीदार थे जिन्हें नेटवर्क से जोड़ा गया और जिन्हें नियमित प्रशिक्षण के बाद भेजने का कार्य सौंपा गया।
🇺🇸 अमेरिका में बड़ी कार्रवाई जोएल हॉल की गिरफ्तारी
अमेरिका के अलबामा में स्थित जोएल हॉल को US DEA ने गिरफ्तार किया। हॉल न केवल री-शिपर था, बल्कि मनी लॉन्डरिंग ऑपरेशंस का भी प्रमुख संचालक था। छापे के दौरान 17,000 से अधिक प्रतिबंधित गोलियां जब्त की गईं, साथ ही डिजिटल क्रिप्टो वॉलेट्स और पार्सलिंग रिकॉर्ड मिले, जिससे सिंडिकेट के विस्तार का अंदाजा हुआ।
🇦🇺 ऑस्ट्रेलिया में अवैध गोली निर्माण इकाई का पर्दाफाश
ऑस्ट्रेलिया की प्रवर्तन एजेंसियों को एक गुप्त फैक्ट्री मिली जो ज़ोलपिडेम (Zolpidem) जैसी मादक गोलियों का निर्माण कर रही थी। यह इकाई सीधे भारतीय नेटवर्क से जुड़ी थी। वहां की पुलिस ने इस इकाई को ध्वस्त कर दिया और उत्पादन उपकरण जब्त किए।
🧾 फाइनेंशियल ट्रेल हवाला और क्रिप्टो का मिश्रण
जांच से यह भी पता चला कि नेटवर्क की वित्तीय प्रणाली हवाला चैनलों और क्रिप्टोकरेंसी का संयोजन थी। आदेश मिलने के बाद ग्राहक क्रिप्टो में भुगतान करता, जिसे एकत्रित कर सप्लाई ऑपरेटर को 10–15% काटकर भेजा जाता। फिर री-शिपर्स को 10% काटकर भुगतान किया जाता।
वित्तीय लेनदेन की जाँच में कई डिजिटल वॉलेट्स को फ्रीज़ किया गया है और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। भारत और अमेरिका में साझा रूप से वित्तीय जांच चल रही है।
🧠 साइबर मोर्चा अवैध ऑनलाइन फार्मेसीज पर नजर
इस ऑपरेशन के तहत यह बात भी सामने आई कि भारत में कुछ B2B पोर्टल्स और ऑनलाइन फार्मेसीज खुलेआम नशीली दवाओं का प्रचार कर रहे हैं। NCB अब इन पोर्टलों पर शिकंजा कसने के लिए संबंधित मंत्रालयों और निजी प्लेटफार्मों से सहयोग ले रहा है।
📣 गृह मंत्री अमित शाह का संदेश
गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश के युवाओं की रक्षा के लिए हर ड्रग सिंडिकेट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह ऑपरेशन NCB और अन्य एजेंसियों के मल्टीएजेंसी समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत की एजेंसियां भविष्य में भी क्रिप्टो भुगतान और एन्क्रिप्टेड संचार जैसे तरीकों पर नजर बनाए रखेंगी।
🧩 NCB का अगला कदम वैश्विक सहयोग की मजबूती
NCB अब UAE, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप की एजेंसियों के साथ मिलकर केस को पूरी तरह से तार्किक अंजाम तक पहुंचाने में लगी है। मास्टरमाइंड की UAE में गिरफ्तारी हेतु औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
📉 निष्कर्ष
‘ऑपरेशन मेड मैक्स’ आधुनिक तकनीक से लैस, बहुस्तरीय, वैश्विक ड्रग नेटवर्क के विरुद्ध भारत द्वारा चलाया गया अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक ऑपरेशन बनकर सामने आया है। यह ऑपरेशन केवल कानून लागू करने की सफलता नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल भी है।
इससे स्पष्ट होता है कि नशीली दवाओं का व्यापार चाहे जितना परिष्कृत हो, भारत की सुरक्षा और प्रवर्तन एजेंसियां हर मोर्चे पर सतर्क हैं और देश को नशे के चंगुल से बचाने का संकल्प लेकर चल रही हैं।
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