GT Express Site | 09.07.2025 | Ghar Tak Express |
ब्रासीलिया, जुलाई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच देशों की राजकीय यात्रा के चौथे पड़ाव ब्राजील में मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा से मुलाकात की। यह भेंट केवल औपचारिक कूटनीति का हिस्सा नहीं रही, बल्कि दोनों नेताओं के बीच सार्थक संवाद ने भारत-ब्राजील द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने की दिशा में ठोस कदम रखे।
रणनीतिक साझेदारी को मजबूती
ब्रासीलिया में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, कृषि, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI), और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रपति लूला के साथ सार्थक बातचीत हुई, जो हमेशा भारत-ब्राजील मैत्री के प्रति भावुक रहे हैं। हमारी बातचीत में व्यापार संबंधों को गहरा करने और द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने के तरीकों पर चर्चा हुई। हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि आने वाले समय में इस तरह के संबंधों के पनपने की अपार संभावनाएं हैं।”
व्यापार और जलवायु एजेंडा
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने 15 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने की रणनीति पर चर्चा की। भारत की ऊर्जा ज़रूरतों और ब्राजील की हरित प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता को मिलाकर स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग को प्राथमिकता दी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से बायोफ्यूल्स, हरित हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा में साझा प्रयासों की बात की।
प्रधानमंत्री ने लिखा, “स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर काबू पाना भी हमारी बातचीत में चर्चा के प्रमुख विषय थे। अन्य क्षेत्र जहां हम और भी अधिक निकटता से काम करेंगे, उनमें रक्षा, सुरक्षा, एआई और कृषि शामिल हैं। अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर और डीपीआई में भारत-ब्राजील सहयोग से हमारे लोगों को लाभ होगा।”
रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी
भारत और ब्राजील रक्षा उद्योगों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। ड्रोन्स, मिसाइल सिस्टम और समुद्री रक्षा तकनीक पर संयुक्त अनुसंधान प्रस्तावित किया गया है। साथ ही, भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की सफलता को साझा करते हुए दोनों देशों ने इस तकनीक को ब्राजील में अपनाने की योजना पर चर्चा की। ब्राजील, भारत की UPI प्रणाली को अपने यहां लागू करने की संभावनाएं तलाश रहा है।
सम्मान और वैश्विक मंच पर संवाद
इस यात्रा की ऐतिहासिकता को और अधिक प्रतिष्ठा मिली जब ब्राजील सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, “ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस” प्रदान किया। यह सम्मान ब्राजील केवल उन वैश्विक नेताओं को देता है जिन्होंने देश के साथ रणनीतिक संबंधों को नई दिशा दी हो। यह प्रधानमंत्री मोदी का 26वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, और इस यात्रा के दौरान उन्हें मिलने वाला तीसरा बड़ा वैश्विक पुरस्कार।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान स्वीकार करते हुए कहा, “यह पुरस्कार न केवल भारत के लिए सम्मान की बात है, बल्कि यह भारत-ब्राजील मित्रता की स्थायीता और भविष्य की साझेदारी का प्रतीक भी है।”
वैश्विक दक्षिण की भूमिका
भारत और ब्राजील दोनों ही उभरते हुए वैश्विक दक्षिण के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। दोनों नेताओं ने विकासशील देशों के हितों को G20, BRICS और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर मजबूती से उठाने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु वित्त, खाद्य सुरक्षा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान
ब्राजील की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और भारतीय समुदाय से संवाद किया। दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम और संस्कृत तथा पुर्तगाली भाषा के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक समझौतों पर भी चर्चा हुई।
डिजिटल युग में भारत-अफ्रीका साझेदारी की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव घाना था, जहां उन्होंने घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो-एड्डो से मुलाकात की। इस मुलाकात में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI), ई-गवर्नेंस, और डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI) को अफ्रीका में विस्तार देने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने स्वास्थ्य अवसंरचना को मज़बूत करने हेतु सहयोग समझौते किए, जिसमें दूरदराज़ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन की सुविधा, भारत में निर्मित जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति, और पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रसार पर भी सहमति बनी। प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात कर “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना को पुनः प्रतिध्वनित किया।
प्रवासी भारतीयों से संवाद और सांस्कृतिक सेतु
त्रिनिदाद व टोबैगो, जहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल की आबादी रहती है, में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री कीथ रोवली से भेंट कर संस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग पर सहमति बनाई। यात्रा के दौरान सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों के विस्तार, हिंदी शिक्षण कार्यक्रमों और योग के प्रसार पर ज़ोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक “India Diaspora Convention” को संबोधित किया, जहाँ उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने का आमंत्रण दिया।
कृषि तकनीक और अंतरिक्ष सहयोग की नई ऊँचाई
अर्जेंटीना में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेवियर मिले से मुलाकात की और ऊर्जा सुरक्षा, कृषि नवाचार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं। विशेष रूप से लीथियम और लिथियम-आयन बैटरी निर्माण पर सहयोग का विस्तार करने पर सहमति बनी, जो भारत की हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनों ISRO और CONAE (Argentina’s space agency) के बीच संयुक्त उपग्रह प्रक्षेपण, पृथ्वी अवलोकन और मौसम निगरानी पर तकनीकी साझेदारी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने खाद्य प्रसंस्करण, जल संरक्षण और स्मार्ट कृषि में भी सहयोग की संभावनाएं तलाशीं।
व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा और ऐतिहासिक सम्मान
ब्राजील यात्रा द्विपक्षीय सहयोग के लिहाज से अत्यंत ऐतिहासिक रही। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा के बीच विस्तृत वार्ता हुई जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को विविध और संतुलित बनाने, स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में साझेदारी बढ़ाने, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कृषि तकनीक, और रक्षा उत्पादन पर सहयोग की दिशा तय की गई।
ब्राजील सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को “ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस”, जो कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, से अलंकृत किया। यह सम्मान ब्राजील द्वारा उन वैश्विक नेताओं को दिया जाता है जिन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को गहन किया हो। इस सम्मान ने प्रधानमंत्री की यात्रा को विशेष गरिमा प्रदान की।
उपनिवेश विरोधी साझेदारी से सामरिक सहयोग तक
यात्रा का अंतिम पड़ाव नामीबिया रहा, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति नांगोलु मबुंबा से भेंट की। भारत और नामीबिया का ऐतिहासिक संबंध उपनिवेशवाद के विरुद्ध साझा संघर्ष और आज़ादी की लड़ाई में एकजुटता पर आधारित है। दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में प्रशिक्षण, हथियार प्रणाली सहयोग, और शांति रक्षा अभियानों में संयुक्त भागीदारी पर चर्चा की।
इसके अतिरिक्त, शिक्षा और स्कॉलरशिप प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए समझौते हुए, जिनके अंतर्गत नामीबियाई छात्रों को भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, दोनों देशों ने औषधीय पौधों, संवहनीय वन प्रबंधन, और वन्यजीव संरक्षण में संयुक्त अनुसंधान की दिशा में भी कदम उठाए।
FAQ – प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा से जुड़े प्रमुख सवाल
यह यात्रा कब और किन देशों के लिए थी?
उत्तर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 से 9 जुलाई 2025 तक पांच देशों – घाना, त्रिनिदाद व टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया – की राजकीय यात्रा की। यह यात्रा दक्षिण-दक्षिण सहयोग, रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक संवाद को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
यात्रा का उद्देश्य था:
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) का वैश्विक विस्तार
द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा सहयोग को मज़बूती देना
स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन पर सहयोग
प्रवासी भारतीयों से संवाद
सांस्कृतिक और शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देना
वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रबल बनाना।
प्रधानमंत्री को कौन-कौन से सम्मान प्राप्त हुए?
उत्तर: इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को तीन बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें सबसे प्रमुख था:
ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस (ब्राजील का सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
यह सम्मान उन नेताओं को दिया जाता है जिन्होंने ब्राजील के साथ संबंधों को गहन किया हो। यह प्रधानमंत्री मोदी का 26वां वैश्विक सम्मान था।
ब्राजील यात्रा में किन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हुई?
उत्तर: ब्राजील यात्रा में जिन क्षेत्रों पर विशेष ज़ोर दिया गया, वे हैं:
व्यापार और निवेश
स्वच्छ ऊर्जा (बायोफ्यूल्स, हरित हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा)
रक्षा तकनीक और संयुक्त उत्पादन
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (UPI जैसी प्रणालियाँ)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कृषि तकनीक
जलवायु परिवर्तन और सतत विकास
अर्जेंटीना में किन समझौतों पर सहमति बनी?
उत्तर:
लीथियम और बैटरी तकनीक पर सहयोग
ISRO और अर्जेंटीना की अंतरिक्ष एजेंसी CONAE के बीच उपग्रह मिशन सहयोग
स्मार्ट कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और जल संरक्षण पर संयुक्त प्रयास
त्रिनिदाद व टोबैगो में क्या विशेष हुआ?
उत्तर:
प्रवासी भारतीयों के लिए “India Diaspora Convention” का आयोजन
सांस्कृतिक आदान-प्रदान के MoU पर हस्ताक्षर
योग, हिंदी और भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों के विस्तार पर सहमति
नामीबिया यात्रा का महत्व क्या रहा?
उत्तर:
उपनिवेशवाद विरोधी साझा इतिहास पर आधारित रणनीतिक संबंधों को नई ऊर्जा
रक्षा प्रशिक्षण और शांति रक्षा अभियानों में सहयोग
शिक्षा, स्कॉलरशिप और औषधीय वनस्पतियों पर अनुसंधान समझौते
वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण में साझेदारी
घाना में भारत ने किन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया?
उत्तर:
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) और UPI प्रणाली का विस्तार
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए टेलीमेडिसिन और जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति
पारंपरिक चिकित्सा (आयुर्वेद) के प्रसार में सहयोग
क्या यह यात्रा भारत की विदेश नीति में कोई नई दिशा दिखाती है?
उत्तर: बिल्कुल। यह यात्रा भारत की “वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनने”, डिजिटल नेतृत्व, और हरित ऊर्जा में साझेदारी की रणनीति को और मज़बूती देती है। साथ ही, यह प्रधानमंत्री मोदी की नव-संरेखित विदेश नीति को दर्शाती है जो बहुपक्षीयता, आत्मनिर्भरता और वैश्विक उत्तरदायित्व पर आधारित है।