नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट पर उच्च स्तरीय बैठक

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Correspondent: GT Express | 10.07.2025 | Ghar Tak Express |

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा “नमामि गंगे” कार्यक्रम के तहत आज नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने की। यह बैठक “स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट” विषय पर केंद्रित थी, जिसमें नवाचार, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, और वैज्ञानिक शोध के महत्व पर विशेष रूप से बल दिया गया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य था—गंगा और अन्य प्रमुख नदियों के पुनर्जीवन के लिए व्यावहारिक रणनीतियों, प्रौद्योगिकीय समाधान, और सहयोगात्मक अनुसंधान को गति देना। इस दौरान IIT BHU, IIT दिल्ली और अन्य भागीदार संस्थाओं ने अपनी रिपोर्ट्स और प्रस्तुतियाँ साझा कीं।

 मंत्री का मार्गदर्शन और सरकार की प्रतिबद्धता

बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम को लेकर सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा,

“सरकार गंगा और अन्य नदियों को ‘अविरल और निर्मल’ बनाने के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है। स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट आज समय की मांग है और हमें विज्ञान, तकनीक और प्रशासनिक सहयोग से इसे साकार करना है।”

उन्होंने बैठक में उपस्थित शोध संस्थानों, नीति निर्माताओं, जल विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के सहयोगात्मक प्रयास जल प्रबंधन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगे।

IIT BHU और IIT दिल्ली की प्रस्तुतियाँ

बैठक के दौरान IIT दिल्ली और IIT (BHU) वाराणसी ने नदियों की जल गुणवत्ता, प्रवाह प्रणाली और बायोलॉजिकल पैरामीटर्स पर आधारित अपने अनुसंधानों की प्रस्तुति दी। IIT दिल्ली की टीम ने “IND-RIVERS” पहल के अंतर्गत एक Centre of Excellence (उत्कृष्टता केंद्र) की स्थापना का रोडमैप साझा किया।

इस केंद्र की परिकल्पना एक ऐसे प्लेटफॉर्म के रूप में की गई है, जहां प्रायोगिक अनुसंधान, प्रशिक्षण कार्यक्रम, तथा स्टार्टअप इन्क्यूबेशन के माध्यम से जल क्षेत्र को नई दिशा दी जा सकेगी। यह पहल राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और नीदरलैंड सरकार के सहयोग से संचालित की जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भूमिका

बैठक में Government of the Netherlands के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया और जल संरक्षण एवं प्रबंधन में अपने अनुभव साझा किए। डच विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे भारत और नीदरलैंड मिलकर जल शोधन, डिजिटल मैपिंग, सेंसर-आधारित निगरानी और समुदाय-आधारित जल योजनाओं को विकसित कर सकते हैं।

IND-RIVERS पहल को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस के भारतीय संदर्भ में अनुकूलन का उदाहरण बताया गया। नीदरलैंड सरकार ने भारत को तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

नीतिगत निर्देश और आगे की योजना

श्री पाटिल ने निर्देश दिया कि सभी भागीदार संस्थाएं और राज्य एजेंसियां स्मार्ट रिवर प्रबंधन की परियोजनाओं को गति दें और यह सुनिश्चित करें कि शोध कार्य केवल अकादमिक न रहकर स्थलीय क्रियान्वयन (on-ground implementation) में बदले। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा केवल मंत्रालय का नहीं, बल्कि समाज का सामूहिक दायित्व है।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगले 6 महीनों में 10 प्रमुख नदी घाटियों में डिजिटल निगरानी प्रणाली, IoT आधारित जल गुणवत्ता ट्रैकिंग, और स्मार्ट सिवरेज रूटिंग जैसे प्रयोगात्मक कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।

India River System Revitalization Initiative 

IND-RIVERS (इंडिया रिवर सिस्टम रिवाइटलाइज़ेशन) एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य भारत की नदियों के सतत और वैज्ञानिक पुनर्जीवन को सुनिश्चित करना है। यह परियोजना भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), IIT दिल्ली, और नीदरलैंड सरकार के सहयोग से संचालित की जा रही है।

यह पहल गंगा नदी सहित भारत की अन्य प्रमुख नदियों की शुद्धता, अविरलता और पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखने के लिए स्मार्ट टेक्नोलॉजी, वैज्ञानिक अनुसंधान, और समुदाय सहभागिता को एकीकृत करती है।

स्मार्ट तकनीकों और रीयल-टाइम डेटा विश्लेषण के माध्यम से नदियों की प्रवाह और गुणवत्ता की निगरानी करना।

वैश्विक सहयोग के ज़रिए Centre of Excellence (उत्कृष्टता केंद्र) की स्थापना, जहां पर जल क्षेत्र में स्टार्टअप, शोध और प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।

स्थानीय समुदायों को जल संरक्षण के प्रयासों में शामिल करना और उन्हें प्रशिक्षित कर सशक्त बनाना।

प्रदूषण नियंत्रण में उच्च तकनीक समाधानों का इस्तेमाल करना जैसे कि स्मार्ट सीवेज नेटवर्क, डिजिटल मैपिंग, और जल विश्लेषण टूल्स।

IIT Delhi – तकनीकी विकास और नवाचार के लिए मुख्य अनुसंधान संस्थान।

National Mission for Clean Ganga (NMCG) – नीति निर्माण और परियोजना कार्यान्वयन में मार्गदर्शक।

Government of the Netherlands – तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक अनुभव प्रदान करने वाला साझेदार।

Jal Shakti Ministry, Government of India – परियोजना की केंद्रीय निगरानी और नीतिगत समर्थन।

मुख्य घटक

सेंसर आधारित रीयल टाइम डेटा निगरानी:
नदी जल स्तर, बहाव, और प्रदूषण के स्तर को तुरंत मापने वाले सेंसर सिस्टम का विकास और तैनाती।

जल गुणवत्ता का वैज्ञानिक विश्लेषण:
जल में उपस्थित जैविक, रासायनिक और भौतिक तत्वों की वैज्ञानिक जांच, ताकि समय रहते सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

जल शिक्षा एवं स्टार्टअप इन्क्यूबेशन:
छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को जल क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान करना।

प्रदूषण नियंत्रण हेतु स्मार्ट टेक्नोलॉजी:
उन्नत डिजिटल टूल्स, GIS मैपिंग, स्मार्ट सीवरेज मॉनिटरिंग, और AI आधारित निर्णय प्रणाली का उपयोग।

विज्ञान-आधारित नीति निर्धारण:
सरकार को निर्णय लेने में सहायता देने वाले ठोस और सटीक डेटा की उपलब्धता।

समुदाय सहभागिता में वृद्धि:
जल प्रबंधन में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और जागरूकता।

जल संरक्षण की सतत योजना:
जल संसाधनों का दीर्घकालिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण।

रोजगार और स्टार्टअप अवसर:
जल क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने से स्टार्टअप्स का सृजन और युवाओं के लिए नई संभावनाएं।

Source : Aakashvadi

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट का क्या अर्थ है?

उत्तर:
स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट एक आधुनिक दृष्टिकोण है जिसमें प्रौद्योगिकी, विज्ञान, नीति और सामाजिक सहभागिता के समन्वय से नदियों का प्रबंधन किया जाता है। इसमें रीयल-टाइम डेटा, सेंसर आधारित निगरानी, जल गुणवत्ता विश्लेषण, और डिजिटल नियंत्रण प्रणाली का उपयोग होता है ताकि नदियों को प्रदूषण से मुक्त और प्रवाहमान रखा जा सके।

Q2: IND-RIVERS पहल किसके अंतर्गत चल रही है?

उत्तर:
IND-RIVERS पहल भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), IIT दिल्ली, और नीदरलैंड सरकार के संयुक्त सहयोग से संचालित की जा रही है। इसका उद्देश्य भारत की नदियों को वैज्ञानिक, तकनीकी और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से पुनर्जीवित करना है।

Q3: इस पहल का आम नागरिकों को क्या लाभ होगा?

उत्तर:
इस पहल से नागरिकों को कई लाभ मिलेंगे:

  • स्वच्छ जल और बेहतर स्वास्थ्य

  • बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं में कमी

  • पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण

  • जल प्रबंधन क्षेत्र में नए रोजगार और स्टार्टअप अवसर

  • स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों से सशक्तिकरण

Q4: इस पहल का मुख्य नवाचार क्या है?

उत्तर:
मुख्य नवाचार है – Centre of Excellence for Smart River Management, जो एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जहां न केवल अनुसंधान होंगे, बल्कि स्टार्टअप्स को बढ़ावा, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और नीतिगत सलाह दी जाएगी। यह केंद्र वैश्विक मानकों पर आधारित होगा और इसे भारत की जमीनी आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जाएगा।

Q5: क्या यह परियोजना सिर्फ गंगा नदी तक सीमित है?

उत्तर:
नहीं, यह पहल गंगा नदी के अलावा भारत की अन्य प्रमुख नदी प्रणालियों जैसे यमुना, गोदावरी, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र आदि पर भी लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में स्मार्ट रिवर मैनेजमेंट मॉडल को स्थापित करना है।

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