प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-घाना के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा ने भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को घाना के राष्ट्रपति जॉन द्रमानी महामा द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से नवाजा गया। साथ ही दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए जिनमें संस्कृति, मानक, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा, और संयुक्त आयोग तंत्र से संबंधित समझौते शामिल हैं।


शाही स्वागत के साथ हुई ऐतिहासिक शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी 2 जुलाई 2025 की रात को घाना की राजधानी अक्रा पहुंचे, जहां उन्हें घाना के राष्ट्रपति द्वारा भव्य राजकीय स्वागत प्रदान किया गया। राष्ट्रपति महामा की अगुवाई में प्रधानमंत्री मोदी को हवाई अड्डे पर 21 तोपों की सलामी और सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच सीमित और फिर विस्तारित प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं हुईं।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी अक्रा पहुंचा जिसमें विदेश मंत्रालय, वाणिज्य, आयुष, डिजिटल भारत और कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। यह यात्रा भारत की ‘एक्ट अफ्रीका’ नीति के तहत घाना के साथ संबंधों को और अधिक सशक्त करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।


व्यापक साझेदारी की घोषणा

वार्ताओं के बाद जारी संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और घाना के बीच साझेदारी को अब हम व्यापक रणनीतिक साझेदारी का स्वरूप देंगे। हमारा उद्देश्य है कि व्यापार, निवेश, कृषि, डिजिटल टेक्नोलॉजी, क्षमता निर्माण, अवसंरचना और जन-से-जन संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत किया जाए।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और भारतीय निवेश में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है। उन्होंने घाना में भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेशों की सराहना की और नए क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने की बात कही।


चार महत्वपूर्ण समझौते – सहयोग के नए द्वार

भारत और घाना ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जो इस प्रकार हैं:

  • संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग
    इस समझौते के तहत दोनों देश सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, विरासत संरक्षण और भाषा व साहित्य को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे।

  • मानकों और गुणवत्ता नियंत्रण
    इस समझौते से औद्योगिक और उपभोक्ता उत्पादों के मानकों में सामंजस्य स्थापित होगा जिससे द्विपक्षीय व्यापार और सुगम होगा।

  • आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा
    यह समझौता घाना में आयुर्वेद को बढ़ावा देने और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगा।

  • संयुक्त आयोग तंत्र
    यह समझौता द्विपक्षीय संबंधों की समग्र समीक्षा, नीति समन्वय और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक स्थायी मंच प्रदान करेगा।


विकास साझेदारी और डिजिटल पहल

प्रधानमंत्री मोदी ने घाना को आश्वस्त किया कि भारत स्वास्थ्य, फार्मा, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI), स्किल डेवलपमेंट और ई-गवर्नेंस के क्षेत्रों में अपना तकनीकी अनुभव साझा करेगा। भारत द्वारा पहले से ही घाना में संचालित कई विकास परियोजनाओं जैसे सड़कों, ट्रांसमिशन लाइनों, और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की सराहना की गई।

डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने घाना को भारत के सफल UPI मॉडल से जोड़ने की पेशकश की, जिससे दोनों देशों के बीच फिनटेक सहयोग को नई ऊँचाई मिल सके।


संयुक्त राष्ट्र और आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग

वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र की सुधार प्रक्रिया पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और घाना एक जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक दृष्टिकोण को साझा करते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र में व्यापक और समावेशी सुधारों के पक्षधर हैं।”

दोनों देशों ने वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध साझा रणनीति अपनाने की बात कही और आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की।


राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान

घाना सरकार द्वारा आयोजित राजकीय भोज में, राष्ट्रपति जॉन द्रमानी महामा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से सम्मानित किया। यह सम्मान प्रधानमंत्री की विश्व स्तर पर प्रभावशाली नेतृत्व, विकासशील देशों के हितों की रक्षा और भारत-घाना संबंधों को नई दिशा देने के लिए दिया गया।

सम्मान समारोह के दौरान घाना के विदेश मंत्री ने पुरस्कार पत्र का वाचन किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नेतृत्व क्षमता, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूती देने में योगदान को रेखांकित किया गया।


जनसंवाद और भारतीय समुदाय से भेंट

प्रधानमंत्री मोदी ने अक्रा में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, “आप सभी भारत और घाना के बीच जीवंत सेतु हैं। आपके प्रयासों से भारत की साख और घाना में विश्वास मजबूत हुआ है।”

उन्होंने घाना में बसे भारतीयों की उपलब्धियों की सराहना की और बताया कि भारतीय मूल के लोगों ने घाना की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।


भारत-घाना संबंधों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारत और घाना के बीच संबंधों की जड़ें ऐतिहासिक रूप से गहरी हैं। घाना उप-सहारा अफ्रीका का पहला देश था जिसने 1957 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और तब भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे नक्रुमाह को बधाई संदेश भेजा था।

भारत ने घाना के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया और आज भी दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक निकटता बनी हुई है।


रणनीतिक सहयोग के विस्तार की संभावनाएं

इस यात्रा के दौरान जिन विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई उनमें शामिल हैं:

  • रक्षा सहयोग: घाना की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण में भारत की सहायता, प्रशिक्षण कार्यक्रम, उपकरण आपूर्ति और संयुक्त अभ्यासों पर चर्चा हुई।

  • कृषि और खाद्य सुरक्षा: भारत द्वारा घाना को कृषि तकनीक, सिंचाई प्रणाली, बीज वितरण और मूल्य संवर्धन में सहयोग की पेशकश की गई।

  • ऊर्जा और जलवायु सहयोग: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सोलर पावर में संयुक्त परियोजनाओं को प्रारंभ करने की दिशा में सहमति बनी।


साझेदारी का भविष्य और वैश्विक मंच पर सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत-घाना संबंध केवल द्विपक्षीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक महत्व के हैं। दोनों देश दक्षिण-दक्षिण सहयोग के प्रमुख स्तंभ हैं और वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में घाना भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक गहराई प्रदान की है। विकास साझेदारी से लेकर सांस्कृतिक सहयोग, स्वास्थ्य से लेकर डिजिटल अर्थव्यवस्था और वैश्विक कूटनीति तक, भारत और घाना ने एक समग्र सहयोग ढांचे की नींव रख दी है।

यह यात्रा अफ्रीका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और भारत की बहुपक्षीय प्रभावशीलता को दर्शाती है। घाना द्वारा दिया गया सर्वोच्च नागरिक सम्मान इस बात का प्रतीक है कि भारत वैश्विक दक्षिण के लिए केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत है।

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