केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शासन, सेवा और समाज के हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से “सिविल सेवाओं के लोकतंत्रीकरण” और “युवाओं की आकांक्षाओं के लोकतंत्रीकरण” को मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में गिनाया।
सीमित से सर्वसुलभ बनी सिविल सेवा
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक समय था जब सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता कुछ सीमित राज्यों जैसे बिहार, तमिलनाडु और केरल तक सीमित थी। लेकिन अब देश के उन क्षेत्रों से भी युवा टॉपर बनकर उभर रहे हैं, जो कभी सिविल सेवा की दौड़ में गिने ही नहीं जाते थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले की परसनजीत कौर का उदाहरण दिया, जिन्होंने पहले ही प्रयास में 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 11 प्राप्त की। इसके अलावा, पंजाब के अनमोल शेर सिंह बेदी, जिन्होंने 2016 में रैंक 2 प्राप्त की, जैसे उदाहरणों से यह प्रमाणित होता है कि अब प्रशासनिक सेवाएं समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए खुल गई हैं।
डॉ. सिंह ने कहा, “यह लोकतंत्र का सच्चा स्वरूप है, जहां हर मां को, चाहे वह किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हो, यह विश्वास होता है कि उसका बच्चा शीर्ष पर पहुंच सकता है।”
आकांक्षाओं को मिला नया आधार
प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने देश के युवाओं की आकांक्षाओं को नया आधार दिया है। पहले जहां युवा केवल सरकारी नौकरी को ही लक्ष्य मानते थे, अब वे नवाचार, स्टार्टअप और विज्ञान-तकनीक के क्षेत्रों में भी अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 2016 के “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया” अभियान ने रोजगार के अर्थ को ही परिवर्तित कर दिया।
2014 में जहां केवल 50 बायोटेक स्टार्टअप थे, वहीं 2024 में यह संख्या 10,075 को पार कर चुकी है। इस क्षेत्र का मूल्यांकन 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 170 बिलियन डॉलर हो गया है। डॉ. सिंह ने इसका श्रेय मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी और राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी मिशन जैसी दूरदर्शी पहलों को दिया।
पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर: अलगाव से आत्मसंबल तक
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में आए परिवर्तन को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दशकों तक ये क्षेत्र रेलवे जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे, लेकिन अब वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक रेल सेवाएं यहां भी पहुंच रही हैं।
उन्होंने मणिपुर की युवा लड़कियों की दुखद विमान दुर्घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि ये वही क्षेत्र हैं जहां कभी विकास एक सपना था, और आज यहां के युवा अंतरराष्ट्रीय विमानन और आतिथ्य उद्योग का हिस्सा बन चुके हैं। जम्मू स्टेशन के 1972 में प्रारंभ होने के बाद दशकों तक रेलवे विकास रुका रहा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सपना अब साकार हो रहा है।
विज्ञान और अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत अब विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अमेरिकी मिशन एक्सिओम-4 में मिशन पायलट के रूप में भाग लेंगे। इस मिशन में वह जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित स्वदेशी किट का उपयोग कर अत्याधुनिक अंतरिक्ष जैव विज्ञान प्रयोग करेंगे।
डॉ. सिंह ने बताया कि भारत 2035 तक अपना स्वदेशी “भारत अंतरिक्ष स्टेशन” स्थापित करने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब दुनिया भारत को एक विश्वसनीय विज्ञान साझेदार के रूप में देख रही है और इसके वैज्ञानिक प्रयासों में भागीदारी करना चाहती है।
लोक प्रशासन में बदलाव और डिजिटल शासन
प्रधानमंत्री मोदी की “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की नीति के तहत लोक प्रशासन में भी अनेक परिवर्तन हुए हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि भारत का सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) शिकायत निवारण तंत्र 2014 में जहां सिर्फ 2 लाख शिकायतों का निपटारा करता था, वहीं 2024 में यह संख्या 26 लाख पार कर गई है, और इसमें 96% की समाधान दर है।
उन्होंने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) का उदाहरण दिया, जिसने पेंशनभोगियों को जीवित प्रमाण पत्र के लिए बैंकों के चक्कर लगाने से मुक्त कर दिया है। उन्होंने विधवा और तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन, महिला अधिकारियों को माता-पिता या बच्चों को नामित करने की सुविधा जैसे सुधारों को शासन के प्रति संवेदनशीलता का प्रमाण बताया।
ईमानदार शासन और राजनीति में सांस्कृतिक बदलाव
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार की सबसे बड़ी पहचान उसकी “निर्मल छवि” रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है, जो सरकार की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का प्रमाण है। यह पहले की सरकारों की तुलना में एक बड़ा बदलाव है जहां भ्रष्टाचार के मामले आम थे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब नागरिकों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में नहीं देखती, बल्कि योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने पर बल देती है। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका प्रमुख उदाहरण है, जिसमें पारदर्शिता के साथ 100% लाभ सुनिश्चित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर: सामान्य हालात और नए अवसर
मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब शांति और विकास की राह पर है। उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसी जगहों पर अब पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है, जिससे स्पष्ट होता है कि हालात सामान्य हो चुके हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का उल्लेख करते हुए कहा कि यह क्षेत्र अब भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे युवाओं को रोजगार और निवेश के नए अवसर मिलेंगे।
निष्कर्ष: विकसित भारत 2047 की ओर
अपने वक्तव्य के अंत में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विकसित भारत 2047 का सपना तभी साकार होगा जब देश का प्रत्येक नागरिक इसमें अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि “यह नागरिकों की आकांक्षा, भागीदारी और समर्थन है जो भारत की विकास यात्रा को अगले 25 वर्षों में नई दिशा देगा।”
यह साक्षात्कार न केवल पिछले 11 वर्षों की उपलब्धियों का लेखा-जोखा है, बल्कि यह भी स्पष्ट संकेत है कि भारत अब परंपरागत सीमाओं को लांघकर नए युग की ओर बढ़ चला है — एक ऐसा युग जहां सपने सिर्फ देखे नहीं जाते, बल्कि साकार किए जाते हैं।
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