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रक्षा मंत्री का उद्घाटन: नियंत्रक सम्मेलन 2025

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रक्षा मंत्री द्वारा नियंत्रक सम्मेलन 2025 का उद्घाटन: एक ऐतिहासिक पहल

भारत के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत रक्षा लेखा विभाग (Defence Accounts Department – DAD) प्रत्येक वर्ष एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन करता है— नियंत्रक सम्मेलन (Controller’s Conference)। यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे रक्षा वित्तीय ढांचे को आधुनिक, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जाता है।

इस वर्ष, 7 जुलाई 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन स्वयं भारत के रक्षा मंत्री करेंगे। यह सम्मेलन रक्षा लेखा प्रणाली में नवाचार, जवाबदेही और स्वचालन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जा रहा है।


भाग 1: रक्षा लेखा विभाग की भूमिका

1.1 परिचय

रक्षा लेखा विभाग भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त और पेशेवर संगठन है। इसका मुख्य कार्य है:

  • सशस्त्र बलों की वित्तीय सेवा देना

  • वेतन वितरण

  • पेंशन भुगतान

  • लेखा परीक्षण और निगरानी

  • रक्षा बजट का नियोजन और लेखांकन

इस विभाग की नींव 18वीं शताब्दी में पड़ी थी और आज यह 50 लाख से अधिक सेवानिवृत्त व वर्तमान रक्षा कर्मियों के वित्तीय हितों का संरक्षक है।


1.2 विभाग की संरचना

रक्षा लेखा विभाग का नेतृत्व नियंत्रक जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (CGDA) करते हैं। उनके अधीन विभिन्न क्षेत्रीय नियंत्रक (Controllers) कार्य करते हैं जो सेना, वायुसेना, नौसेना, सीमा सुरक्षा बल (BSF), ITBP, SSB जैसे संगठनों से संबंधित वित्तीय कामकाज संभालते हैं।


1.3 तकनीकी विकास और डिजिटलीकरण

बीते एक दशक में DAD ने डिजिटल इंडिया अभियान के तहत अत्यंत प्रभावी डिजिटल टूल्स अपनाए हैं जैसे:

  • Defence Travel System (DTS)

  • Comprehensive Pension Package (CPP)

  • SPARSH (System for Pension Administration – Raksha)

  • e-Ledger प्रणाली


भाग 2: नियंत्रक सम्मेलन का महत्व

2.1 सम्मेलन का उद्देश्य

नियंत्रक सम्मेलन DAD के उच्चतम अधिकारियों को एक मंच पर लाकर रणनीतिक चर्चा का अवसर प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  • बीते वित्तीय वर्ष की समीक्षा

  • बजट प्रबंधन की रणनीतियाँ

  • नीति निर्माण में पारदर्शिता

  • लेखा प्रणाली की मजबूती

  • भ्रष्टाचार मुक्त संचालन


2.2 रक्षा मंत्री की भूमिका

रक्षा मंत्री न केवल उद्घाटन करेंगे बल्कि उद्घाटन भाषण में देश की बदलती रक्षा आवश्यकताओं और वित्तीय प्रबंधन में सुधार की बात करेंगे। उनका संबोधन नीतिगत मार्गदर्शन प्रदान करेगा जिससे पूरे विभाग की कार्यशैली को दिशा मिलेगी।


2.3 इस वर्ष के सम्मेलन की विशेषताएँ

इस बार के सम्मेलन की खास बातें निम्नलिखित हैं:

  • थीम: “डिजिटल भारत, उत्तरदायी लेखा”

  • प्रस्तावित विषय: रक्षा बजट 2025–26 की पूर्व योजना, SPARSH पोर्टल की समीक्षा, डिजिटल रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया

  • उपस्थित गणमान्य: CGDA, विभिन्न सैन्य शाखाओं के वित्त प्रमुख, DRDO, HAL और Ordinance Factory Board के प्रतिनिधि

    भाग 3: रक्षा मंत्री का संबोधन – विषयवस्तु और संकेत

    3.1 नीति और नवाचार पर ज़ोर

    रक्षा मंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में स्पष्ट किया कि भारत को एक आधुनिक, पारदर्शी और तेज़ रक्षा लेखा प्रणाली की आवश्यकता है। उन्होंने कहा:

    “आज के दौर में पारंपरिक लेखा प्रणाली हमें उस गति से आगे नहीं ले जा सकती जिसकी अपेक्षा एक वैश्विक शक्ति से की जाती है।”

    उनके भाषण में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ज़ोर दिया गया:

    • SPARSH प्रणाली का विस्तार: जिससे पेंशनर्स को डिजिटल माध्यम से भुगतान मिले

    • AI और Machine Learning का उपयोग रक्षा वित्त निगरानी में

    • रक्षा बजट के इष्टतम उपयोग की रणनीति

    • महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाना – लेखा और ऑडिट विंग्स में


    3.2 ‘न्यूनतम कागज़, अधिकतम प्रभाव’ की नीति

    रक्षा मंत्री ने विभाग को निर्देशित किया कि वह “Paperless Defence Accounting” की ओर तेज़ी से बढ़े। उन्होंने कहा कि यदि रेलवे, आयकर और पासपोर्ट विभाग डिजिटल हो सकते हैं, तो DAD क्यों नहीं?


    3.3 समावेशी दृष्टिकोण

    उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में DAD को पूर्व सैनिकों की सुविधा, कम वेतन ग्रेड के सैनिकों की पेंशन समस्या, और नवीन सैन्य उपकरणों के वित्तीय अनुकूलन पर ध्यान देना होगा।


    भाग 4: सम्मेलन में उठाए गए प्रमुख मुद्दे

    4.1 रक्षा बजट का नियोजन और निगरानी

    सम्मेलन में चर्चा का प्रमुख विषय रहा 2025–26 रक्षा बजट। प्रस्तुत किया गया:

    • पिछले वर्ष के व्यय का लेखा-जोखा

    • खर्चों में पारदर्शिता के उपाय

    • थल, वायु और नौसेना के बजट वितरण की समीक्षा

    • आत्मनिर्भर भारत मिशन से जुड़े परियोजनाओं को प्राथमिकता


    4.2 SPARSH प्रणाली की समीक्षा

    SPARSH (System for Pension Administration – Raksha) को लेकर कई राज्यों से फ़ीडबैक प्रस्तुत किए गए:

    राज्य शिकायतें समाधान प्रस्ताव
    पंजाब दस्तावेज सत्यापन में देरी आर्मी रजिस्ट्री सिस्टम का एकीकरण
    बिहार ग्रामीण क्षेत्रों में OTP समस्या SMS के साथ कॉल आधारित वेरिफिकेशन
    महाराष्ट्र विधवा पेंशन स्वीकृति में विलंब AI आधारित ऑटो-पार्सिंग सिस्टम

    4.3 स्वचालन और साइबर सुरक्षा

    डिजिटल प्रणाली में वृद्धि के साथ साइबर सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई। रक्षा लेखा विभाग ने अगले तीन वर्षों में निम्नलिखित उपाय अपनाने का प्रस्ताव दिया:

    • Zero Trust Security Model

    • Two-Factor Authentication

    • Internal Ethical Hacking Cells


    भाग 5: रक्षा बजट 2025 की तैयारी

    5.1 बजट आवंटन की प्राथमिकताएं

    • CAPEX (Capital Expenditure): नई तकनीक, हथियार प्रणाली, और आधुनिक युद्ध प्रशिक्षण केंद्र

    • RECURRING (Revenue Expenditure): वेतन, पेंशन, लॉजिस्टिक सपोर्ट

    • रक्षा अनुसंधान व विकास: DRDO और HAL के बजट में 25% की वृद्धि प्रस्तावित


    5.2 पारदर्शिता लाने के लिए उठाए गए कदम

    • RTI पोर्टल पर साप्ताहिक बजट रिपोर्ट

    • मासिक समीक्षा बैठकें सभी नियंत्रकों के साथ

    • Project Monitoring Dashboard की शुरुआत


    5.3 वित्तीय प्रशिक्षण

    रक्षा मंत्रालय और CGDA ने यह निर्णय लिया कि अगले 6 महीनों में सभी क्षेत्रीय रक्षा लेखा अधिकारियों को FinTech, GST Compliance और e-Audit में प्रशिक्षित किया जाएगा।


    भाग 6: SPARSH और भविष्य की योजनाएं

    6.1 SPARSH की सफलता

    अब तक इस डिजिटल पेंशन प्रणाली के तहत:

    • 42 लाख पेंशनधारकों को लाभ

    • 6,000+ पेंशन विवादों का निपटारा

    • 93% उपयोगकर्ता संतुष्टि

    6.2 आगे की योजनाएं

    • SPARSH App का लॉन्च (मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट के साथ)

    • बुजुर्ग पेंशनर्स के लिए Biometric Doorstep Verification सेवा

    • मोबाइल वैन द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा


    भाग 7: सम्मेलन के निष्कर्ष और मार्गदर्शन

    7.1 रक्षा लेखा की दिशा में मील का पत्थर

    यह सम्मेलन केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था। यह भविष्य की रक्षा नीति का वित्तीय रोडमैप सिद्ध हुआ। रक्षा मंत्री की सीधी भागीदारी और उनकी व्यावहारिक दृष्टिकोण ने सभी उपस्थित अधिकारियों में एक नई ऊर्जा का संचार किया।


    7.2 CGDA का संकल्प

    नियंत्रक जनरल ऑफ डिफेंस अकाउंट्स ने सम्मेलन के समापन पर कहा:

    “हम न केवल बजट का लेखा रखेंगे, बल्कि उसे देश की ताकत में बदलने का माध्यम भी बनाएंगे।”


    7.3 नागरिक समाज को जोड़ने की दिशा

    सम्मेलन में यह सुझाव आया कि रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों को “Pension Clinics” और “Grievance Resolution Camps” के माध्यम से जोड़ा जाए।


    अंतिम निष्कर्ष

    7 जुलाई 2025 को आयोजित यह नियंत्रक सम्मेलन एक युगांतकारी मोड़ साबित हो सकता है, जहां वित्तीय पारदर्शिता, डिजिटल ट्रैकिंग, और सैनिकों के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। रक्षा मंत्री की मौजूदगी ने न केवल कार्यक्रम को गरिमा दी, बल्कि यह दर्शाया कि सरकार सैन्य वित्तीय मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेती है।

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