Correspondent: GT Express | 15.07.2025 | Ghar Tak Express |
14.07.2025 नई दिल्ली में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने देश के “राजमार्ग नायकों”—यानी कि ट्रक चालकों और बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगे हजारों श्रमिकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पिछले एक दशक में किए गए ऐतिहासिक कार्यों को प्रस्तुत किया और भविष्य की योजना का भी खाका सामने रखा।
मोदी सरकार की आधारशिला – सुरक्षित और समावेशी परिवहन
श्री मल्होत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य एक ऐसा परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो समावेशी, सुरक्षित, टिकाऊ और मानव-केंद्रित हो। उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने भारत की बुनियादी ढाँचा क्रांति में केंद्रीय भूमिका निभाई है। राजमार्गों के विस्तार और गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ मंत्रालय ने लॉजिस्टिक कुशलता, आर्थिक विकास और जीवन सुरक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तनकारी परिणाम दिए हैं।
निर्माण की गति और अभूतपूर्व उपलब्धियाँ
श्री मल्होत्रा ने कहा कि 2014 में प्रतिदिन 12 किमी राजमार्ग निर्माण की गति आज बढ़कर 30 किलोमीटर प्रति दिन हो गई है। यह प्रगति परियोजना अनुमोदन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी में बढ़ोतरी, और सटीक निगरानी प्रणाली का परिणाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 60,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हो चुका है, जिससे भारत के कोने-कोने को जोड़ा जा सका है।
परिवर्तनकारी एक्सप्रेसवे – गति और विकास के वाहक
मंत्री महोदय ने कहा कि देशभर में कई उच्चगति एक्सप्रेसवे विकसित किए गए हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, भारत के दो बड़े आर्थिक केंद्रों को जोड़ता है और यात्रा समय में बड़ी कटौती करता है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, शहरी योजना का आदर्श नमूना है, जहाँ यात्रा समय 2.5 घंटे से घटकर केवल 45 मिनट रह गया है।
द्वारका एक्सप्रेसवे, अमृतसर-जामनगर, और बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे जैसे मार्ग न केवल लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाते हैं, बल्कि क्षेत्रीय विकास के इंजन भी बन चुके हैं।
रोजगार सृजन और मानवीय निवेश
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किए गए निर्माण कार्यों से पिछले पाँच वर्षों में जबरदस्त रोजगार सृजन हुआ है:
45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार,
57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार, और
532 करोड़ मानव दिवस प्रेरित रोजगार।
यह रोजगार निर्माण भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिशीलता को सशक्त बना रहा है।
लॉजिस्टिक्स और ईंधन नीति में अग्रणी पहल
सरकार का ध्यान लॉजिस्टिक सुधारों पर भी केंद्रित है। मंत्री ने बताया कि E-20 लक्ष्य के अंतर्गत इथेनॉल मिश्रण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में भारत में लगभग 800 इथेनॉल उत्पादन परियोजनाएँ पंजीकृत हैं, जो वैकल्पिक ईंधन उपयोग को बढ़ावा देती हैं और आयात पर निर्भरता घटाती हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी।
उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता
श्री मल्होत्रा ने कहा कि राजमार्ग निर्माण के दौरान होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारत स्टेज (CEV/TREM)-V मानदंडों को निर्माण उपकरणों और ट्रैक्टरों पर लागू किया गया है। इससे उत्सर्जन स्तरों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा और निर्माण प्रक्रिया अधिक पर्यावरण-सम्मत होगी।
सड़क सुरक्षा – दुर्घटनाओं और ब्लैक स्पॉट्स का समाधान
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार ने एक मजबूत रणनीति अपनाई है। अब तक 14,000 ब्लैक स्पॉट्स को ठीक किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा ऑडिट, बेहतर साइनेज, पैदल यात्री पुलों का निर्माण, और टेक्निकल अनुमोदनों के प्रत्यायन से सड़क डिज़ाइन को अधिक उत्तरदायी और समावेशी बनाया गया है।
हमारे राजमार्ग नायकों की भूमिका और सम्मान
मंत्री महोदय ने ट्रक चालकों को “राजमार्ग नायक” की उपाधि दी और कहा कि सरकार उनकी भलाई और कल्याण के लिए कटिबद्ध है।
चालक प्रशिक्षण केंद्र, पुनश्चर्या कार्यक्रम, और स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से उन्हें बेहतर जीवन और कार्य स्थितियाँ प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने कैशलेस उपचार योजना–2025 का विशेष उल्लेख किया, जिसके तहत दुर्घटना के बाद के पहले घंटे (Golden Hour) में ₹1.5 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
वेसाइड एमिनिटीज़ – सुविधा का विस्तार
मंत्री महोदय ने बताया कि अब तक 501 वेसाइड एमिनिटीज़ (WSAs) का आवंटन किया गया है, जिनमें से 94 चालू हो चुकी हैं।
FY 2028-29 तक यह संख्या 700 से अधिक होने की संभावना है। इन एमिनिटीज़ में शामिल हैं:
ईंधन स्टेशन
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन
शौचालय व स्वच्छ पेयजल
ट्रक चालकों के लिए शयनगृह
पार्किंग सुविधाएं
ढाबा / भोजनालय
ये सुविधाएं यात्रियों और ट्रांसपोर्टरों की गुणवत्ता युक्त यात्रा सुनिश्चित करेंगी।
श्री मल्होत्रा ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि मंत्रालय की 11 वर्षों की यात्रा भारत के परिवहन परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है।
सड़कें केवल यात्रा की दिशा नहीं, बल्कि विकास, अवसर और सुरक्षा के मार्ग बन चुकी हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे हम विकसित भारत @2047 की दिशा में बढ़ रहे हैं, मंत्रालय हरित गतिशीलता, दुर्घटना न्यूनीकरण, और कौशल विकास के लिए समर्पित रहेगा।
1. कुल राजमार्ग निर्माण (2014–2025): 60,000+ किलोमीटर
वर्ष 2014 से 2025 के बीच, भारत ने राजमार्ग निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। इस अवधि में 60,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है, जिससे देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच संपर्क में असाधारण सुधार हुआ है। यह निर्माण कार्य देशभर में चल रही इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति का प्रमाण है, जो न केवल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाता है बल्कि आर्थिक गतिविधियों को गति भी प्रदान करता है।
2. वर्तमान निर्माण गति: 30 किलोमीटर प्रति दिन
2014 में जहां प्रतिदिन औसतन केवल 12 किलोमीटर राजमार्ग बनाए जाते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या बढ़कर 30 किलोमीटर प्रतिदिन हो चुकी है। यह अभूतपूर्व प्रगति आधुनिक प्रौद्योगिकी, डिजिटल निगरानी, परियोजना स्वीकृति में पारदर्शिता और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की कुशल योजना के कारण संभव हो पाई है।
3. परिवर्तनकारी एक्सप्रेसवे
सरकार द्वारा विकसित किए गए प्रमुख एक्सप्रेसवे जो देश के आर्थिक और भौगोलिक परिवहन ढांचे को पुनः परिभाषित कर रहे हैं:
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: देश का सबसे लंबा और उन्नत एक्सप्रेसवे, जो दो आर्थिक महाशक्तियों को जोड़ता है।
द्वारका एक्सप्रेसवे: दिल्ली-गुरुग्राम कनेक्टिविटी को नई दिशा देने वाला उच्चगति मार्ग।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे: देश के उत्तर से पश्चिम को जोड़ने वाला महत्वाकांक्षी गलियारा।
बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे: कर्नाटक के भीतर औद्योगिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाला मार्ग।
4. रोजगार सृजन:
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्य से व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
45 करोड़ मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार: परियोजनाओं में काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों द्वारा।
57 करोड़ मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार: निर्माण से जुड़े आपूर्ति, निर्माण सामग्री, परिवहन, खाद्य सेवाओं आदि में।
532 करोड़ मानव दिवस प्रेरित रोजगार: विकास के कारण उत्पन्न हुए माध्यमिक अवसर, जैसे ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, छोटे व्यवसाय आदि।
5. ब्लैक स्पॉट्स ठीक किए गए: लगभग 14,000
राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए सरकार द्वारा देशभर में लगभग 14,000 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें ठीक किया गया है। इनमें सुधार हेतु सड़क के डिज़ाइन परिवर्तन, साइनेज, यातायात संकेत, स्पीड कंट्रोल उपाय और पैदल यात्री सुविधा का समावेश किया गया है।
6. कैशलेस उपचार योजना सीमा: ₹1.5 लाख (Golden Hour में)
₹1.5 लाख तक की नि:शुल्क चिकित्सीय सहायता प्रदान की जाती है। यह पहल ट्रॉमा के समय त्वरित चिकित्सा के लिए क्रांतिकारी सिद्ध हो रही है।
7. इथेनॉल परियोजनाएं: लगभग 800 पंजीकृत
सरकार द्वारा E-20 मिशन के तहत पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में 800 से अधिक इथेनॉल उत्पादन परियोजनाएं देशभर में पंजीकृत हैं, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक स्थायी और कार्बन-कम ऊर्जा मॉडल को आगे बढ़ा रही हैं। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को समर्थन देती है, बल्कि किसानों को फसल आधारित अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करती है।
8. चालू वेसाइड एमिनिटीज़: 94
परिवहन के दौरान यात्रियों और ट्रक चालकों की सुविधा के लिए 501 वेसाइड एमिनिटीज़ (WSAs) की योजना बनाई गई है, जिनमें से 94 पहले ही चालू हो चुकी हैं। ये सुविधाएं यात्रियों की थकान, स्वास्थ्य और मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बनाए जा रहे हैं।
9. लागू उत्सर्जन मानक: भारत स्टेज (CEV/TREM)-V
निर्माण कार्यों के दौरान होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने भारत स्टेज (CEV/TREM)-V उत्सर्जन मानदंडों को लागू किया है। यह मानक निर्माण उपकरणों और कृषि ट्रैक्टरों पर लागू होते हैं, जिससे निर्माण क्षेत्र भी पर्यावरणीय दायित्वों का पालन कर सके।
Source : PIB
2 thoughts on “भारत के राजमार्ग नायकों को समर्पित, परिवर्तनकारी बुनियादी ढाँचे की यात्रा मंत्री हर्ष मल्होत्रा का राष्ट्रीय संबोधन”