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Health alertness after monsoon : मानसून के बाद स्वास्थ्य सतर्कता मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य भर में व्यापक तैयारी

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Correspondent: GT Express | 23.07.2025 | Ghar Tak Express |
जयपुर, 22 जुलाई। राजस्थान में मानसून सक्रिय है और कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश दर्ज की जा रही है। इसी पृष्ठभूमि में संभावित मौसमी बीमारियों की रोकथाम और उनके प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय मोड में कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन, जयपुर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों से संवाद करते हुए इस दिशा में ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु राज्य-स्तरीय निगरानी प्रणाली

चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य स्तर से लेकर जिला और उप-स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक सघन निगरानी और त्वरित रिस्पॉन्स सिस्टम तैयार रखा जाए। बारिश के बाद डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और वायरल फीवर जैसी बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक रहती है, जिसे देखते हुए उन्होंने जांच, दवा, उपचार, बेड की उपलब्धता और एम्बुलेंस सेवाओं तक की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में मामलों की संख्या अधिक है, वहां अतिरिक्त चिकित्सकीय टीमें, संसाधन और मोबाइल यूनिट्स भेजे जाएं। दवाओं की निर्बाध आपूर्ति, परीक्षण किट्स और रक्त जांच सुविधा को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही जागरूकता अभियानों को जन-जन तक पहुँचाया जाए।

टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा और निर्देश

बैठक में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत चल रहे 100 दिवसीय टीबी स्क्रीनिंग अभियान की भी गहन समीक्षा की गई। श्री खींवसर ने निर्देश दिए कि स्क्रीनिंग के निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाए, और निक्षय पोर्टल पर नियमित डाटा प्रविष्टि की जाए।

अब तक 93 लाख 97 हजार से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने इस प्रक्रिया को और गति देने तथा लाभार्थियों को निक्षय पोषण योजना के तहत राशि हस्तांतरण समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि 40,815 लाभार्थियों को राशि हस्तांतरित की गई है और 39,094 टीबी मरीजों को पोषण किट का वितरण किया गया है।

यूडीआईडी और गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग पर फोकस

स्वास्थ्य मंत्री ने यूडीआईडी (Unique Disability ID) कार्ड के लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश देते हुए कहा कि नवीन और पूर्ववर्ती सभी मामलों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NCDCP) की भी समीक्षा की और कहा कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियों की समुचित स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए, विशेषकर निर्धारित आयु वर्ग में 100% कवरेज पर ज़ोर दिया जाए।

स्वास्थ्य भवन, जयपुर में आयोजित इस उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों, मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और राज्य स्तरीय अधिकारियों से सीधे संवाद कर ज़मीनी हालात की समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश जारी किए।


बैठक में मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर की जा रही गतिविधियों, टीबी स्क्रीनिंग अभियान, यूडीआईडी कार्डों के लंबित प्रकरणों के निस्तारण, तथा गैर-संचारी रोगों की निगरानी जैसे विषयों पर केंद्रित चर्चा हुई। इस दौरान समग्र रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन को सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।


राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत अब तक 93 लाख 97 हजार से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। यह कार्य तेज़ी से जारी है, और चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि लक्ष्य के अनुरूप स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए, ताकि देश के इस गंभीर स्वास्थ्य संकट को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।


टीबी रोगियों को पोषण सहायता देने के लिए चलाई जा रही निक्षय पोषण योजना के तहत अब तक 40,815 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता की राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। इस योजना का उद्देश्य टीबी मरीजों को उचित पोषण सुनिश्चित करना है, जिससे उपचार की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सके।


इसके अतिरिक्त 39,094 टीबी रोगियों को पोषण किट का वितरण किया गया है, जिनमें उच्च पोषण युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यह किट सीधे रोगियों को उनके उपचार स्थल पर या घर-घर पहुंचाकर प्रदान की गई, ताकि रोग की गंभीरता को कम किया जा सके।


यूडीआईडी (Unique Disability ID) कार्डों से संबंधित लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण हेतु चिकित्सा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले सभी नए आवेदनों को निश्चित समयसीमा में निस्तारित करना अनिवार्य है, जिससे दिव्यांगजनों को उनके अधिकार और योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।


चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने स्पष्ट किया कि जिला अस्पतालों से लेकर सब-सेन्टर स्तर तक दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय स्तर पर नियमों के अनुरूप दवाओं की खरीद की जा सकती है। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर मरीज को आवश्यक दवा समय पर उपलब्ध हो।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने निर्देश दिए कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों के फैलने की आशंका अधिक है—विशेषकर जोधपुर, जैसलमेर और आसपास के क्षेत्र—वहां मच्छरजनित रोगों की रोकथाम हेतु एन्टीलार्वा गतिविधियों को और अधिक तीव्रता से चलाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि रामदेवरा मेला जैसे बड़े आयोजनों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाए।


इस बैठक में राज्य स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़, मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला, निदेशक आरसीएच डॉ. मधु रतेश्वर, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इन अधिकारियों ने क्षेत्रीय तैयारियों, केस डेटा और संसाधनों की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

Source : DIPR

1. यह बैठक कब और कहां आयोजित की गई?

उत्तर: यह उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक 22 जुलाई को स्वास्थ्य भवन, जयपुर में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने की।

2. बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?

उत्तर: इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था मौसमी बीमारियों की रोकथाम, टीबी उन्मूलन अभियान की समीक्षा, यूडीआईडी कार्यों का निस्तारण, और गैर-संचारी रोगों की निगरानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर रणनीति तय करना।

3. अब तक कितने लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की जा चुकी है?

उत्तर: राज्य में अब तक 93 लाख 97 हजार से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की जा चुकी है।

4. निक्षय पोषण योजना के तहत कितने लाभार्थियों को सहायता दी गई?

उत्तर: 40,815 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई है और 39,094 टीबी मरीजों को पोषण किट भी वितरित की गई हैं।

5. यूडीआईडी कार्ड से संबंधित सरकार की क्या रणनीति है?

उत्तर: सरकार ने निर्देश दिए हैं कि यूडीआईडी कार्ड के सभी लंबित और नए प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए ताकि दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।

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