संवाददाता महाराजगंज : ग्राम बिनटोलिया, मौलागंज, जो कि उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के पनियारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, वहां के एक मेहनतकश ग्रामीण रामसेवक निषाद के जीवन में 24 जुलाई 2025 को सुबह एक भयावह मोड़ आया। वे जब अपने नियमित कार्यानुसार अपने निजी तालाब पर पहुँचे, तो वहां का दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। तालाब में सैकड़ों की संख्या में मछलियां मृत अवस्था में पाई गईं। यह दृश्य न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी था, बल्कि पूरे गांव के लिए एक चेतावनी भी बन गया।
आजीविका का मुख्य आधार
रामसेवक निषाद वर्ष 2013 से मछली पालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते रहे हैं। उनके तालाब में प्रायः रोहू, कतला, मृगला जैसी प्रजातियाँ पाली जाती थीं, जिन्हें आस-पास के मंडियों में बेचा जाता था। उनका यह व्यवसाय मेहनत, ईमानदारी और ग्रामीण आत्मनिर्भरता का उदाहरण था। तालाब में लगभग 5 क्विंटल मछली थी, जिसकी बाजार में कीमत ₹3-4 लाख आंकी जा रही है। इस अप्रत्याशित नुकसान से उनकी आर्थिक रीढ़ लगभग टूट चुकी है।
पुलिस जांच और प्रशासन की प्रतिक्रिया
रामसेवक निषाद ने 24 जुलाई को ही घटना की मौखिक सूचना पनियारा थाना को दी। पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुँची और मछलियों की मौत के कारणों की जांच प्रारंभ की। प्रारंभिक जांच में शक जताया जा रहा है कि किसी ने तालाब में कोई जहरीला रसायन डाला, जिससे यह त्रासदी घटी। हालांकि अभी तक कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं।
ग्रामीणों की आशंका और आक्रोश:
ग्रामीणों ने इसे ‘साजिशन हमला’ बताया है। कई ग्रामीणों का कहना है कि यह जल-प्रदूषण जानबूझकर किया गया है ताकि रामसेवक निषाद को आर्थिक नुकसान हो और वे इस व्यवसाय से पीछे हट जाएं। वहीं कुछ लोगों ने इसे जल-स्रोतों में कीटनाशकों या कृषि रसायनों के बहाव का परिणाम भी बताया। ग्रामीणों ने मिलकर प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए, ताकि भविष्य में कोई और मेहनतकश इस प्रकार की आपदा का शिकार न हो।
24 जुलाई 2025, सुबह लगभग 6:30 बजे
रामसेवक निषाद रोजाना की तरह अपने तालाब पर सुबह-सुबह गए थे। यह समय उनके लिए मछलियों की देखरेख और आहार वितरण का होता है। लेकिन इस दिन उन्हें तालाब के जल में सैकड़ों मरी हुई मछलियां तैरती दिखाई दीं। यह दृश्य बेहद पीड़ादायक और अप्रत्याशित था। अनुमान है कि घटना रात के किसी समय या तड़के हुई होगी।
ग्राम बिनटोलिया, मौलागंज, पनियारा थाना, जिला महाराजगंज
यह गांव उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के अंतर्गत आता है और पनियारा थाना क्षेत्र में स्थित है। यह एक ग्रामीण एवं कृषिप्रधान क्षेत्र है, जहां कुछ परिवार मत्स्य पालन जैसे कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। रामसेवक निषाद इसी गांव के निवासी हैं और यहां पिछले एक दशक से अधिक समय से मछली पालन कर रहे हैं।
रामसेवक निषाद, आय का मुख्य स्रोत – मछली पालन
रामसेवक निषाद एक मेहनती किसान हैं, जिन्होंने पारंपरिक कृषि से हटकर मछली पालन को अपनाया था। उनके पास लगभग आधा एकड़ का निजी तालाब है जिसमें रोहू, कतला, मृगला जैसी प्रजातियों की मछलियां पालते थे। यही उनका प्रमुख आय-स्रोत था और इसी से वे अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
₹3 से ₹4 लाख रुपये तक
मछलियों की औसत संख्या और उनकी बाजार दर के अनुसार, इस तालाब में मरने वाली मछलियों का कुल भार करीब 5 क्विंटल आंका गया है। यदि प्रति किलो ₹80-₹100 का बाजार मूल्य जोड़ा जाए तो यह राशि ₹4 लाख तक पहुँचती है। यह नुकसान केवल मछलियों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके अगले चक्र (रीस्टॉकिंग), तालाब की सफाई, नए निवेश आदि को भी प्रभावित करता है।
24 जुलाई को पनियारा थाना को मौखिक रूप से
घटना के तुरंत बाद रामसेवक निषाद ने पनियारा थाना जाकर मौखिक रूप से पुलिस को सूचित किया। उन्होंने बताया कि उन्हें संदेह है कि तालाब में कोई जहरीला पदार्थ डाला गया है। लेकिन पुलिस ने मौखिक सूचना के आधार पर तत्परता से कार्यवाही प्रारंभ कर दी।
स्थानीय पुलिस टीम, प्रारंभिक निरीक्षण किया
मौखिक सूचना के कुछ घंटों के भीतर थाना पनियारा की एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने तालाब की स्थिति देखी, मरी हुई मछलियों का निरीक्षण किया और पानी की सतह पर उपस्थित किसी असामान्य तत्व की जाँच की। पुलिस कर्मियों ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए फोटो भी लिए ।
तालाब में रसायन डालकर मछलियों की हत्या
रामसेवक निषाद और अन्य ग्रामीणों को संदेह है कि यह घटना प्राकृतिक नहीं है। तालाब के जल की सतह पर एक प्रकार की झाग और बदबू पाई गई जो सामान्यतः रासायनिक प्रदूषण के लक्षण होते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि किसी ने जानबूझकर विषाक्त रसायन या कीटनाशक तालाब में डाला, जिससे मछलियों की सामूहिक मृत्यु हुई।
दोषियों की गिरफ्तारी, मुआवजा और सुरक्षा उपाय
रामसेवक निषाद ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की गहन जांच कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने अपने नुकसान की भरपाई हेतु सरकार से आर्थिक मुआवजे की मांग की है। उन्होंने और गांव के अन्य लोगों ने भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सरकार से मत्स्य पालकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था, बीमा योजना और निगरानी तंत्र लागू करने की भी अपील की है।
Q1. यह घटना कब और कहाँ हुई?
उत्तर: यह घटना 24 जुलाई 2025 को सुबह लगभग 6:30 बजे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के पनियारा थाना क्षेत्र के ग्राम बिनटोलिया, मौलागंज में हुई।
Q2. पीड़ित व्यक्ति कौन हैं और उनका पेशा क्या है?
उत्तर: पीड़ित रामसेवक निषाद हैं, जो मछली पालन करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। वे पिछले एक दशक से निजी तालाब में मछलियां पाल रहे थे।
Q3. मछलियों की मृत्यु का कारण क्या बताया जा रहा है?
उत्तर: प्रारंभिक आशंका है कि किसी ने तालाब में विषाक्त रसायन या कीटनाशक पदार्थ डाला, जिससे मछलियों की सामूहिक मृत्यु हुई। जांच जारी है।
Q4. कितना आर्थिक नुकसान हुआ है?
उत्तर: अनुमानित रूप से 5 क्विंटल मछली मरी है, जिसकी बाजार कीमत ₹3 से ₹4 लाख तक आंकी गई है। साथ ही तालाब की सफाई व पुनर्निवेश की लागत भी जुड़ती है।
Q5. क्या पुलिस को सूचना दी गई थी?
उत्तर: हाँ, रामसेवक निषाद ने 24 जुलाई को मौखिक रूप से पनियारा थाना को सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुँची और जांच शुरू की।