Correspondent: GT Express | 16.07.2025 | Ghar Tak Express |
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानीपत की ऐतिहासिक भूमि से ‘अदिति स्कीम’ का शुभारंभ किया। इस महत्वाकांक्षी योजना में 9000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिसका पहला चरण 1000 करोड़ रुपये के निवेश से शुरू होगा। योजना का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई उद्योगों को ऊर्जा दक्षता और आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाना है।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को हरियाणा के पानीपत में ‘अदिति स्कीम’ का शुभारंभ किया। इस योजना के अंतर्गत देशभर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को ऊर्जा दक्षता से जुड़ी तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी। खट्टर ने कहा कि पहले चरण में लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे उद्योगों की ऊर्जा खपत में 30-40% तक की बचत संभव होगी।
कार्यक्रम का आयोजन पानीपत की उस ऐतिहासिक भूमि पर हुआ, जहां से कभी देश की आजादी की लड़ाइयां लड़ी गई थीं। इस गौरवशाली स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के उद्योगपतियों ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया और अपने संबोधन में कहा, “पानीपत की भूमि से देश को नई ऊर्जा दिशा देना गर्व की बात है। अदिति स्कीम न केवल औद्योगिक क्रांति को गति देगी, बल्कि हरित भारत की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।”
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था आज 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है और अगले दो वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2047, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक भारत की अर्थव्यवस्था 17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इस विकास यात्रा में उद्योगों की प्रमुख भागीदारी होगी और उद्योगों के विकास में ऊर्जा की महत्ता सबसे अधिक है।
खट्टर ने बताया कि देश और राज्य की ऊर्जा आवश्यकताएं लगातार बढ़ रही हैं। 2014 में हरियाणा की जरूरत 9000 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 16000 मेगावाट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि देशभर में विभिन्न परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें यमुनानगर थर्मल पावर प्लांट, गोरखपुर न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट और सौर ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अदिति स्कीम इन परियोजनाओं के साथ मिलकर ऊर्जा दक्षता को नई ऊंचाई देगी।
उन्होंने कहा, “आज ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण सबसे अहम विषय बन चुके हैं। पिछले 20 वर्षों में इस दिशा में काफी चर्चा और कार्य हुए हैं, लेकिन अब समय है इसे व्यवहार में लाने का। उद्योगों को नई टेक्नोलॉजी अपनाकर ऊर्जा की खपत को कम करना चाहिए। करनाल, कैथल, अंबाला और पानीपत जैसे जिलों में ऊर्जा की खपत अधिक है, जहां नई मशीनरी से बिजली की 30 से 40 प्रतिशत तक की बचत संभव है।”
खट्टर ने उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे इस योजना से जुड़कर नई तकनीक आधारित इकाइयों की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र को हर प्रकार की सहायता प्रदान करेगी ताकि छोटे और मध्यम उद्योग भी प्रतिस्पर्धी बन सकें। योजना के तहत तकनीकी मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और ऊर्जा ऑडिट जैसी सेवाएं भी दी जाएंगी।
कार्यक्रम में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के प्रतिनिधि, राज्य के उद्योगपति, टेक्नोलॉजी प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम (HSIDC) के अध्यक्ष ने बताया कि अदिति स्कीम को राज्य सरकार की अन्य योजनाओं जैसे ‘हरियाणा ऊर्जा नीति 2024’ से भी जोड़ा जाएगा।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि अदिति स्कीम के माध्यम से हरियाणा को ऊर्जा नवाचार का हब बनाया जाएगा। इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से उद्योगों को जोड़ना, और राज्य में क्लस्टर आधारित ऊर्जा दक्षता मॉडल की स्थापना जैसी पहलें शामिल होंगी।
ऊर्जा दक्षता से जुड़े अदिति स्कीम के प्रमुख बिंदु
1. योजना का कुल निवेश: ₹9000 करोड़
अदिति (ADITI) स्कीम भारत सरकार की ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें कुल ₹9000 करोड़ का पूंजीगत निवेश प्रस्तावित किया गया है। यह निवेश ऊर्जा दक्षता, पर्यावरण संतुलन और औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध ढंग से किया जाएगा। योजना का उद्देश्य न केवल ऊर्जा खपत को कम करना है, बल्कि यह देश के एमएसएमई सेक्टर को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
2. पहले चरण में निवेश: ₹1000 करोड़
योजना के पहले चरण में ₹1000 करोड़ का प्रारंभिक निवेश किया जा रहा है। यह राशि प्रमुख रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को ऊर्जा दक्ष मशीनरी, उपकरण, प्रशिक्षण और ऊर्जा ऑडिट सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में उपयोग की जाएगी। पहले चरण में 5000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को कवर करने का लक्ष्य है।
3. लक्षित क्षेत्र: एमएसएमई (MSME) उद्योग
भारत का एमएसएमई क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। इसमें 6.3 करोड़ से अधिक इकाइयाँ सक्रिय हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। अदिति स्कीम विशेष रूप से इसी क्षेत्र को ऊर्जा दक्ष तकनीकों से सुसज्जित करने का कार्य करेगी, ताकि उत्पादन लागत में कमी आए, प्रतिस्पर्धा बढ़े और पर्यावरणीय प्रभाव घटे।
4. ऊर्जा बचत की संभावना: 30-40%
ऊर्जा मंत्रालय के अनुमानों के अनुसार, अदिति स्कीम के माध्यम से लागू की जा रही नई तकनीकों और प्रक्रियाओं से एमएसएमई इकाइयों में 30 से 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत संभव है। यह न केवल लागत में कमी लाएगा, बल्कि भारत की कुल ऊर्जा खपत में भी उल्लेखनीय गिरावट आएगी। इससे भारत के कार्बन फुटप्रिंट में भी प्रभावी कमी आएगी, जो अंतरराष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
5. योजना से लाभान्वित राज्य:
हरियाणा, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना सहित 12 राज्यों में प्रारंभिक चरण में योजना लागू की जा रही है। इन राज्यों में ऊर्जा खपत करने वाले औद्योगिक क्लस्टर स्थित हैं, जहां ऊर्जा दक्षता की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
6. प्रौद्योगिकीय सहयोग:
अदिति स्कीम के तहत विभिन्न तकनीकी सहायता सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
ऊर्जा दक्ष मशीनरी की स्थापना
ऊर्जा ऑडिट और परामर्श सेवाएं
कार्यशालाएं, सेमिनार और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग
डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियल-टाइम निगरानी
स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली (EMS) का कार्यान्वयन
इस सहयोग से एमएसएमई इकाइयां अपने संचालन को पर्यावरण के अनुकूल और लागत प्रभावी बना सकेंगी।
7. कार्यान्वयन एजेंसियां:
योजना का क्रियान्वयन बहु-स्तरीय एजेंसियों के माध्यम से किया जाएगा, जिनमें प्रमुख हैं:
EESL (Energy Efficiency Services Limited): ऊर्जा ऑडिट, टेक्नोलॉजी चयन और निगरानी के लिए प्रमुख भागीदार
HSIDC (Haryana State Industrial & Infrastructure Development Corporation): राज्य स्तरीय समन्वय और क्लस्टर प्रबंधन
राज्य ऊर्जा विभाग: योजना के विभिन्न पहलुओं को स्थानीय स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी
निजी तकनीकी सेवा प्रदाता कंपनियां: मशीनरी और प्रशिक्षण की आपूर्ति के लिए सहयोग
8. लक्ष्य वर्ष: 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना
अदिति स्कीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत@2047” विजन के तहत शुरू की गई है। इसका दीर्घकालिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि जब भारत 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करे, तब देश की अर्थव्यवस्था 17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचे, जिसमें औद्योगिक उत्पादन और ऊर्जा कुशलता की महत्वपूर्ण भूमिका हो। योजना का उद्देश्य देश को “ऊर्जा सक्षम भारत” के रूप में स्थापित करना है — जहाँ उद्योग, पर्यावरण और विकास एक संतुलित ढांचे में आगे बढ़ें।
Source : DD News
2 thoughts on “पानीपत से ऊर्जा क्रांति की शुरुआत केंद्रीय मंत्री खट्टर ने अदिति स्कीम की लॉन्चिंग की”