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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ मार्गों का किया हवाई सर्वेक्षण, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च

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Admin Site |08.07.2025| Ghar Tak Express|CM Yogi|UP News|Yatra|

बिजनौर — देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने वाली सावन कांवड़ यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इस बार प्रशासन इसे भव्य, व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए दिन-रात एक कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रा मार्गों की व्यवस्थाओं को लेकर कमर कस ली है और इसी क्रम में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर जिले में कांवड़ यात्रा के मार्ग का हवाई सर्वेक्षण कर तैयारियों का जायज़ा लिया।

मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए था, बल्कि एक संदेश भी था कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की आस्था का पूरा सम्मान करते हुए उन्हें सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा का अनुभव देने के लिए कटिबद्ध है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा उड़ान भरते हुए मेरठ, मुजफ्फरनगर और बिजनौर तक के कांवड़ मार्गों का बारीकी से हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रमुख मार्गों, विश्राम स्थलों, चिकित्सा शिविरों, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण से जुड़ी तैयारियों का भी अवलोकन किया।

हवाई निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांवड़ियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

कांवड़ यात्रा की व्यापकता को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि सुरक्षा, स्वच्छता, चिकित्सा और यातायात से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं। प्रमुख मार्गों पर LED डिस्प्ले, CCTV निगरानी, ड्रोन कैमरे, और कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जा रही है।

बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और गाजियाबाद जैसे जिलों में अस्थायी टेंट सिटी, भोजन व्यवस्था, और आपात चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। साथ ही, पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र, डिजिटल हेल्पलाइन, और आपातकालीन वाहन भी हर चौक-चौराहे पर रखे जाएंगे।

कांवड़ यात्रा का गंतव्य हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थल उत्तराखंड में पड़ते हैं, जहाँ से श्रद्धालु गंगा जल लेकर वापसी करते हैं। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने भी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की।

इस बैठक में तय किया गया कि उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों और हरिद्वार में भीड़ नियंत्रण, जल आपूर्ति, शौचालय, वाहन पार्किंग और सेवा शिविरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रियों की सुरक्षा और गंगा तटों की स्वच्छता में कोई समझौता न किया जाए।

श्रद्धालुओं और धार्मिक संगठनों ने राज्य सरकार की तैयारियों को सराहा है। अखिल भारतीय शिव भक्त परिषद के अध्यक्ष पं. सुनील शर्मा ने कहा, “इस बार की तैयारी पहले से बेहतर और योजनाबद्ध दिख रही है। हेलीकॉप्टर से हवाई निरीक्षण, हाईटेक कंट्रोल रूम और साफ-सफाई की व्यवस्थाएं देख कर लगता है कि सरकार वास्तव में श्रद्धालुओं के प्रति गंभीर है।”

श्रद्धालुओं को कांवड़ यात्रा के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति, पेयजल, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। महिला कांवड़ियों की सुविधा के लिए अलग व्यवस्था, मेडिकल हेल्पलाइन और महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है। विशेष रूप से ग्रीन कांवड़ यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है।

यह पवित्र यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर पूरे सावन मास में चलेगी। श्रद्धालु हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख जैसे स्थलों से गंगाजल लेकर लौटते हैं और अपने क्षेत्रीय शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। सावन सोमवारों और खासकर श्रावण पूर्णिमा के दिन भारी भीड़ उमड़ती है।

इस यात्रा के दौरान सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्ग हैं:

गाजियाबाद

मेरठ

मुजफ्फरनगर

बिजनौर
इन सभी ज़िलों से होकर कांवड़ यात्रा हरिद्वार की ओर जाती है। यह संपूर्ण मार्ग उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रशासनिक और धार्मिक सहयोग का केन्द्र बन चुका है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड

चूंकि यात्रा का अधिकांश भाग उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और इसका धार्मिक गंतव्य उत्तराखंड में स्थित है, इसलिए इन दोनों राज्यों की साझा जिम्मेदारी बनती है कि यात्रा न केवल सुरक्षित और सुचारु हो, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक, स्वच्छ और सम्मानजनक भी हो।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा मार्ग का हवाई सर्वेक्षण किया।

उन्होंने हिंडन एयरबेस (गाजियाबाद) से बिजनौर तक हेलीकॉप्टर से यात्रा मार्गों की समीक्षा की।

सीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए:

श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।

यात्रा मार्गों पर कोई अवरोध या असुविधा न हो।

प्रशासन सक्रिय समन्वय बनाए रखें।

मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

उत्तराखंड में प्रवेश बिंदुओं, हरिद्वार और ऋषिकेश में भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया।

धामी ने कहा कि गंगा घाटों की स्वच्छता, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आकस्मिक चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाएं और व्यवस्थाएँ की जा रही हैं:

LED डिस्प्ले बोर्ड, CCTV और ड्रोन निगरानी:

पूरे यात्रा मार्ग पर रियल टाइम निगरानी के लिए स्मार्ट उपकरण लगाए गए हैं।

बड़े चौराहों और भीड़ वाले क्षेत्रों में ड्रोन से भीड़ नियंत्रण किया जाएगा।

टेंट सिटी और भोजन भंडारा:

श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु विशाल टेंट सिटी बनाई जा रही है।

निःशुल्क भोजन और जलसेवा के लिए सामाजिक संगठनों से समन्वय किया गया है।

प्राथमिक चिकित्सा और स्वास्थ्य शिविर:

हर 5 किलोमीटर पर एम्बुलेंस, डॉक्टर और पैरामेडिक्स तैनात किए जाएंगे।

विशेष COVID-19, डेंगू और लू से बचाव के इंतज़ाम भी किए गए हैं।

महिला सुरक्षा बल और जल सेवा वाहन:

महिलाओं की सुरक्षा हेतु अलग निगरानी दल, महिला पुलिस बल और हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।

जल सेवा वाहन लगातार यात्रियों को ठंडा पानी वितरित करेंगे।

स्वच्छता और कचरा प्रबंधन:

प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाए जा रहे हैं।

हर बिंदु पर शौचालय, स्नानघर और सफाई कर्मी तैनात हैं।

डस्टबिन, बायो-टॉयलेट और सफाई की विशेष टीमें सक्रिय रहेंगी।

डिजिटल हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम:

सभी जिलों में 24×7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

कंट्रोल रूम से यात्रा की निगरानी और सूचना प्रवाह सुगम किया जाएगा।

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