कला सेतु भारतीय भाषाओं में एआई-संचालित कंटेंट सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रव्यापी पहल

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Correspondent: GT Express | 10.07.2025 | Ghar Tak Express |

भारत सरकार की डिजिटल गवर्नेंस यात्रा को समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के स्टार्टअप एक्सेलेरेटर प्लेटफॉर्म वेवएक्स (Wavex) ने “कला सेतु – भारत के लिए रियल-टाइम लैंग्वेज टेक” नामक एक राष्ट्रव्यापी चुनौती की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य है देश के अग्रणी एआई स्टार्टअप्स को आमंत्रित करना ताकि वे भारतीय भाषाओं में बहुभाषी मल्टीमीडिया कंटेंट सृजन के लिए स्केलेबल समाधान तैयार कर सकें।

यह चुनौती भारतीय नागरिकों तक उनकी मातृभाषाओं में प्रभावी, अभिव्यंजक और त्वरित सूचना पहुंचाने के लिए टेक्स्ट-टू-वीडियो, टेक्स्ट-टू-ऑडियो और टेक्स्ट-टू-ग्राफिक्स जैसे एआई-संचालित समाधानों को विकसित करने पर केंद्रित है। आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2025 है।

सरकारी संचार में भाषाई समावेशन की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। आज के युग में जहां सूचना वितरण की गति, पैमाना और विविधता बेहद महत्वपूर्ण हो चुकी है, पारंपरिक तरीकों से उस मांग को पूरा करना कठिन होता जा रहा है। यही वह स्थान है जहाँ एआई आधारित नवाचार हस्तक्षेप कर सकते हैं।

कला सेतु चैलेंज इसी संदर्भ में लाया गया है ताकि विभिन्न भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट से मल्टीमीडिया सामग्री जैसे ऑडियो न्यूज़ कैप्सूल, वीडियो एक्सप्लेनर और डेटा इन्फोग्राफिक्स स्वचालित रूप से तैयार किए जा सकें। यह न केवल सूचना को अधिक प्रासंगिक और समझने योग्य बनाता है बल्कि आम नागरिक को सीधे लाभान्वित भी करता है।

कला सेतु में निम्न तीन प्रमुख कंटेंट सृजन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है:

टेक्स्ट-टू-वीडियो जनरेशन: यह टेक्स्ट इनपुट के आधार पर वीडियो तैयार करता है, जिसमें आवाज, लहजा, दृश्यों और वातावरण को अनुकूलित किया जा सकता है। यह समाचार बुलेटिन, सरकारी योजनाओं की व्याख्या या आपातकालीन संदेशों के लिए अत्यंत उपयोगी है।

टेक्स्ट-टू-ऑडियो जनरेशन: इस तकनीक के माध्यम से वास्तविक समय में भावनात्मक रूप से अभिव्यंजक, क्षेत्रीय लहजे के प्रति संवेदनशील स्पीच तैयार की जा सकती है। इससे वरिष्ठ नागरिकों, दृष्टिहीन व्यक्तियों और सीमित साक्षरता वाले समूहों को सीधा लाभ मिल सकता है।

टेक्स्ट-टू-ग्राफिक्स जनरेशन: डेटा आधारित इन्फोग्राफिक और ग्राफिक तैयार करने में सहायक यह तकनीक जटिल सूचना को सरल व आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करती है। उदाहरणस्वरूप, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि या मौसम से जुड़ी रिपोर्ट्स।

चाहे वह एक किसान हो जिसे मौसम की चेतावनी की आवश्यकता है, या एक छात्र जो परीक्षा तिथियों की जानकारी चाहता है, या एक महिला जो मातृत्व योजना से संबंधित लाभ जानना चाहती है—कला सेतु का उद्देश्य सभी नागरिकों तक उनकी अपनी भाषाओं में सरल, सटीक और तात्कालिक सूचना पहुंचाना है।

यह चैलेंज न केवल सूचना के लोकतंत्रीकरण की दिशा में कदम है, बल्कि यह डिजिटल इंडिया की ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की अवधारणा को भी तकनीकी रूप से साकार करता है।

कला सेतु चैलेंज में भाग ले सकते हैं। उन्हें 30 जुलाई 2025 तक एक कार्यशील मिनिमम विजुअल कंसेप्ट (MVC) प्रस्तुत करना होगा, जिसमें उनके उत्पाद का वीडियो डेमो शामिल हो। चयनित स्टार्टअप्स नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय निर्णायक मंडल के समक्ष अपनी प्रस्तुति देंगे।

विजेता स्टार्टअप्स को:

पूर्ण पैमाने पर विकास के लिए सहयोग,

प्रसार भारती, पीआईबी और एआईआर जैसी संस्थाओं के साथ पायलट परियोजनाओं का अवसर,

और वेवएक्स प्लेटफ़ॉर्म के अंतर्गत इनक्यूबेशन एवं मेंटरशिप की सुविधा प्रदान की जाएगी।


कला सेतु चैलेंज का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट आधारित सामग्री को वीडियो, ऑडियो और ग्राफिक्स जैसे मल्टीमीडिया फॉर्मेट में कन्वर्ट करने की स्वचालित, स्केलेबल और अभिव्यंजक एआई तकनीक विकसित करना है। यह पहल शासन में अधिक प्रभावी संवाद, डिजिटल समावेशन और नागरिक भागीदारी को बढ़ाने में सहायक होगी।


30 जुलाई 2025 तक प्रतिभागी अपने समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं।


वेवएक्स पोर्टल के माध्यम से सभी प्रविष्टियाँ आमंत्रित की जा रही हैं।

ऑडियो-विज़ुअल प्रस्तुति में भारतीय भाषाओं की गहराई और विविधता को शामिल करना।

शासन और जनसंचार में उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मल्टीमीडिया कंटेंट का स्वचालित निर्माण।

स्केलेबल, यूजर-फ्रेंडली और शासन-संगत समाधान प्रस्तुत करना।



यह चैलेंज 30 जून 2025 को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया था।


भाषा सेतु चैलेंज का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम अनुवाद तकनीक विकसित करना है। इसका लाभ नागरिक सेवाओं, मीडिया, शिक्षा, और सरकारी संवाद में समान पहुंच सुनिश्चित करने में होगा।


इस चुनौती में भाग लेने की अंतिम तिथि 22 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है।


वेवएक्स पोर्टल ही इस चैलेंज के लिए आधिकारिक मंच है।

कला सेतु और भाषा सेतु जैसे चुनौतीपूर्ण कार्यक्रमों में चयनित प्रतिभागियों को देश के सर्वोच्च मंचों पर अपने नवाचारों की प्रस्तुति करने का दुर्लभ अवसर प्राप्त होगा। यह केवल एक तकनीकी डेमो नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा मंच होगा जहाँ सरकार, नीति-निर्माता, मीडिया क्षेत्र के विशेषज्ञ, उद्योग जगत और अकादमिक संस्थान एक साथ उपस्थित होंगे। इस डेमो प्रस्तुति के माध्यम से प्रतिभागी न केवल अपने समाधान की संभावनाओं को उजागर कर सकेंगे, बल्कि उन्हें वास्तविक कार्यान्वयन के लिए आवश्यक फीडबैक और संभावित साझेदार भी मिल सकते हैं। राष्ट्रीय पहचान के इस मंच से जुड़ना किसी भी नवाचारकर्ता या स्टार्टअप के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है जो उन्हें भविष्य में नीति-स्तरीय प्रभाव और बाज़ार पहुंच दिलाने में सहायक होगा।


इन दोनों चैलेंजों के माध्यम से चुने गए उत्कृष्ट समाधानों को केवल सराहा नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन की चुनौतियों से जोड़ते हुए मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स में लागू भी किया जाएगा। इससे नवाचारों को जमीनी स्तर पर परखने, नागरिक सेवाओं में उपयोग करने और सरकार की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में सीधे सहभागी बनने का अवसर मिलेगा। इन पायलट प्रोजेक्ट्स के माध्यम से स्टार्टअप्स को न केवल अपना समाधान परिष्कृत करने का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें नीति निर्माण में अंतर्निहित जरूरतों और सुधार की संभावनाओं को भी समझने का अवसर मिलेगा।


चयनित स्टार्टअप्स को वेव्स इनोवेशन प्लेटफॉर्म के अंतर्गत एक व्यापक मेंटरशिप कार्यक्रम का लाभ मिलेगा, जिसमें उन्हें देश और विदेश के अनुभवी विशेषज्ञों, एआई शोधकर्ताओं, भाषा तकनीक विशेषज्ञों और शासन के रणनीतिक सलाहकारों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। इसके साथ ही वे विभिन्न नेटवर्किंग इवेंट्स, वर्कशॉप्स और तकनीकी सम्मेलनों में भाग ले सकेंगे, जहाँ उन्हें निवेशकों, नीति-निर्माताओं और उद्योग साझेदारों से सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा।
यह प्लेटफॉर्म प्रतिभागियों को प्रौद्योगिकी साझेदारी, सरकारी समर्थन, वित्तीय संसाधनों और संस्थागत सहयोग के बहुआयामी अवसर उपलब्ध कराता है, जिससे वे अपने इनोवेशन को स्केलेबल और टिकाऊ बना सकें।

वेवएक्स एक प्रमुख इनोवेशन प्लेटफॉर्म है जिसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मई 2025 में मुंबई में आयोजित ‘वेव्स समिट’ में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य मीडिया, मनोरंजन और भाषा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।

यह मंच भारत के टेक स्टार्टअप्स को सरकारी सहयोग और संसाधनों के साथ जोड़ने का काम करता है।

वेवएक्स के माध्यम से अब तक 30 से अधिक स्टार्टअप्स को नवाचार के अवसर और सरकारी समर्थन प्राप्त हो चुका है।

यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर भाषा तकनीक और डिजिटल मीडिया में अग्रणी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

Source :PIB

FAQ

कला सेतु और भाषा सेतु क्या हैं?

उत्तर:
कला सेतु और भाषा सेतु सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से शुरू की गई दो राष्ट्रव्यापी तकनीकी चुनौतियाँ हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय भाषाओं में एआई आधारित मल्टीमीडिया कंटेंट और रीयल-टाइम अनुवाद तकनीक विकसित करना है।

इन दोनों चैलेंजों का उद्देश्य क्या है?

उत्तर:

  • कला सेतु: टेक्स्ट-टू-वीडियो, टेक्स्ट-टू-ऑडियो और टेक्स्ट-टू-ग्राफिक्स तकनीक का प्रयोग करके भारतीय भाषाओं में मल्टीमीडिया कंटेंट बनाना।

  • भाषा सेतु: भारतीय भाषाओं के बीच वास्तविक समय में अनुवाद की तकनीक विकसित करना ताकि सूचना हर नागरिक तक उनकी मातृभाषा में पहुँचे।

कौन इन चैलेंजों में भाग ले सकता है?

उत्तर:
भारतीय स्टार्टअप्स, अनुसंधान समूह, एआई डेवलपर्स, भाषा तकनीक से जुड़े नवाचारकर्ता, उच्च शिक्षण संस्थान या तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने में सक्षम कोई भी संस्था/टीम इन चैलेंजों में भाग ले सकती है।

आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?

उत्तर:

  • भाषा सेतु: 22 जुलाई 2025

  • कला सेतु: 30 जुलाई 2025

आवेदन कहां और कैसे करना है?

उत्तर:
वेवएक्स पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रतिभागियों को अपना पंजीकरण कर, मिनिमम विज़ुअल कंसेप्ट (MVC) और डेमो वीडियो सबमिट करना होगा।

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