अमेरिका के यूटा स्थित श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर ISKCON मंदिर पर हमला

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अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) के अमेरिका के यूटा स्थित श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर हाल ही में हुआ हमला न केवल हिंदू समुदाय को झकझोरने वाला है, बल्कि अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सौहार्द और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब वैश्विक स्तर पर धार्मिक असहिष्णुता और हेट क्राइम्स में वृद्धि देखी जा रही है।

इस विस्तृत लेख में हम यूटा में स्थित इस प्रसिद्ध ISKCON मंदिर पर हुए हमले की घटना, इसकी पृष्ठभूमि, प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही, पुलिस जांच, भारत सरकार की प्रतिक्रिया, अमेरिकी प्रशासन का रुख, और इस घटना के व्यापक सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव का गहराई से विश्लेषण करेंगे।


प्रकरण का सारांश क्या हुआ ISKCON मंदिर पर

अमेरिका के यूटा राज्य के स्प्रिंगविल (Springville) शहर में स्थित ISKCON का श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर, पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक गोलीबारी की घटनाओं का शिकार हुआ। मंदिर प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, अज्ञात लोगों द्वारा मंदिर भवन और उसके आसपास की संपत्ति पर 20 से 30 राउंड गोलियां चलाई गईं।

गनीमत रही कि घटना के समय मंदिर में कोई श्रद्धालु या कर्मचारी उपस्थित नहीं था, जिससे जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई। हालांकि, मंदिर की दीवारों, खिड़कियों और पास खड़ी कुछ गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। मंदिर के शांत वातावरण और आध्यात्मिक कार्यक्रमों के बीच यह हमला असहनीय एवं चौंकाने वाला बताया जा रहा है।


ISKCON की प्रतिक्रिया शांति की पुकार के बीच भय

ISKCON यूटा चैप्टर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइट के माध्यम से घटना की पुष्टि की और इसे “एक भयावह और कायरतापूर्ण कृत्य” बताया। मंदिर प्रमुख श्री आदिकेशव दास ने कहा:

“यह मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं है, बल्कि यह प्रेम, शांति और सेवा का प्रतीक है। हमारे विरुद्ध ऐसी हिंसा से हम आहत हैं, लेकिन हमारा विश्वास डगमगाया नहीं है।”

ISKCON ने इस हमले को “संभावित हेट क्राइम” करार देते हुए अमेरिकी अधिकारियों से निष्पक्ष एवं त्वरित जांच की मांग की है।


पुलिस जांच और एफबीआई की संलिप्तता

स्प्रिंगविल पुलिस विभाग ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय चश्मदीदों की गवाही और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर प्रारंभिक जांच की जा रही है। चूंकि मामला अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संस्था से जुड़ा है, एफबीआई ने भी इस जांच में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया है।

पुलिस प्रवक्ता कैप्टन रॉबर्ट मीलर ने प्रेस से कहा:

“हम इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि हम इस घटना के पीछे के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें।”


भारत सरकार की तीव्र प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत अमेरिका सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है।

भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर झा ने कहा:

“हम अमेरिका में ISKCON मंदिर पर हुए कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमने वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास और यूटा स्थित भारतीय समुदाय से संपर्क स्थापित किया है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर घटना की निंदा करते हुए इसे “विश्वास और सहिष्णुता पर हमला” बताया और आश्वासन दिया कि भारत अपने प्रवासी समुदाय की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।


अमेरिकी नेताओं और समुदायों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद अमेरिकी राजनीतिक नेताओं, नागरिक अधिकार संगठनों और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने ISKCON मंदिर पर हुए हमले की निंदा की। यूटा के गवर्नर स्पेंसर कॉक्स ने ट्वीट किया:

“यह हमला हमारे राज्य के मूल्यों के विरुद्ध है। हम धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जांच जारी है और हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं।”

इसके अतिरिक्त, ईसाई, यहूदी, मुस्लिम और बौद्ध संगठनों ने भी इस हमले की आलोचना करते हुए हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता जताई है।


अमेरिका में बढ़ते हेट क्राइम्स एक चिंताजनक प्रवृत्ति

एफबीआई के अनुसार, अमेरिका में पिछले एक दशक में हेट क्राइम्स में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेष रूप से 2020 के बाद नस्लीय, धार्मिक और जातीय पहचान को लेकर अपराधों में तीव्रता देखी गई है।

धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध, विशेष रूप से यहूदियों, मुस्लिमों, और हाल ही में हिंदू समुदाय के विरुद्ध घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। 2024 में न्यू जर्सी, कैलिफोर्निया, और टेक्सास में भी हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया था।


ISKCON मंदिर का महत्व और वैश्विक भूमिका

यूटा स्थित यह ISKCON मंदिर न केवल अमेरिका में बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी स्थापत्यकला भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा का अद्भुत मिश्रण है। यहाँ नियमित रूप से श्रीमद्भगवद्गीता पाठ, कीर्तन, यज्ञ, प्रवचन और प्रसाद वितरण होता है।

इसके अलावा, यह मंदिर आपसी भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता और आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र भी है। हजारों अमेरिकी नागरिक, भारतीय प्रवासी और दूसरे देशों के पर्यटक यहाँ नियमित रूप से आते हैं।


प्रवासी भारतीयों की आशंका और चिंता

घटना के बाद अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना पनपने लगी है। विशेषकर माता-पिता, जो अपने बच्चों को रविवार स्कूल भेजते हैं, अब सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

न्यूयॉर्क निवासी और प्रवासी संगठन ‘Global Hindu Voices’ के अध्यक्ष अमित त्रिवेदी ने कहा:

“हम अमेरिका में वर्षों से बसे हैं, परंतु अब मंदिर जैसे शांतिपूर्ण स्थानों पर हमले देखकर लगता है कि धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है।”


मीडिया की भूमिका और सामाजिक नेटवर्क पर प्रतिक्रियाएं

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर ISKCON समर्थकों, धार्मिक नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने प्रतिक्रिया दी। ट्विटर पर #ProtectTemples, #JusticeForISKCON, #StopHateCrimes जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

भारतीय फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, क्रिकेटर विराट कोहली और लेखक चेतन भगत ने भी इस हमले की निंदा करते हुए एकजुटता दिखाई।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

इस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा हुई। यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और दक्षिण अफ्रीका स्थित ISKCON केंद्रों ने भी सामूहिक प्रार्थना और शांति मार्च आयोजित किए। लंदन स्थित हिंदू काउंसिल ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी अमेरिका पर दबाव डालने की मांग की।

संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक स्वतंत्रता पर विशेष दूत फैज़ा पटेल ने ट्वीट कर कहा:

“धार्मिक संस्थानों पर हमले मानवता पर हमले के समान हैं। सभी सरकारों को कड़ा रुख अपनाना चाहिए।”


संदेह और संभावित प्रेरणाएं

यद्यपि जांच अभी जारी है, लेकिन प्रारंभिक संकेत हेट क्राइम की ओर इशारा करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला किसी कट्टरपंथी समूह या व्यक्तियों द्वारा योजनाबद्ध रूप से किया गया हो सकता है।

विकासशील देशों के प्रवासी समुदायों के विरुद्ध सोशल मीडिया पर फैल रही नफरत और साजिशी विचारधाराएं भी ऐसे हमलों को प्रेरित कर सकती हैं।


आवश्यक कदम और सुझाव

  • मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाना

स्थानीय सरकारों को सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा कैमरे, गार्ड्स और अलार्म सिस्टम लगाने के लिए सहयोग करना चाहिए।

  • हेट क्राइम कानूनों को सख्त बनाना

हेट क्राइम्स के लिए अमेरिकी कानूनों को और कठोर बनाने की आवश्यकता है, विशेषकर धार्मिक स्थलों पर हमलों को लेकर।

  • सांप्रदायिक सौहार्द के लिए शिक्षा

स्कूलों और कॉलेजों में धार्मिक सहिष्णुता और बहुसंस्कृतिवाद पर कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए।

  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हस्तक्षेप

UN और अन्य मानवाधिकार संगठन धार्मिक स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों पर ध्यान दें और अमेरिका जैसे देशों को जवाबदेह बनाएं।


निष्कर्ष

यूटा स्थित ISKCON मंदिर पर हुआ हमला केवल एक धार्मिक स्थल पर हमला नहीं है, बल्कि यह समस्त मानवता के विरुद्ध किया गया एक घृणित कृत्य है। यह घटना हमें स्मरण कराती है कि धार्मिक सहिष्णुता, प्रेम और एकता के लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक है।

भारत सरकार, अमेरिका प्रशासन, अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, और सबसे बढ़कर आम नागरिकों को मिलकर इस तरह की घटनाओं का प्रतिरोध करना होगा। यह समय है जब हम सब एक स्वर में कहें — “धर्म के नाम पर हिंसा नहीं सहेंगे!”

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