श्रीनगर, 27 जून 2025
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने आज श्रीनगर स्थित राजभवन में एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य आगामी श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों की समीक्षा और राजनीतिक नेतृत्व से सुझाव प्राप्त करना था। यह बैठक धार्मिक, सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से आरंभ हो रही है और लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में राज्य प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा की जा रही तैयारियों को लेकर विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श किया जाना बेहद आवश्यक माना जा रहा था।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष श्री उमर अब्दुल्ला, भारतीय जनता पार्टी के नेता सत शर्मा, निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारा चंद और गुलाम अहमद मीर, नेशनल कांफ्रेंस के शोएब अहमद मीर और जगदीश सिंह आज़ाद, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की इल्तिजा मुफ्ती तथा जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता हकीम मोहम्मद यासीन शाह शामिल हुए।
यह उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब अमरनाथ यात्रा को लेकर इतने व्यापक राजनीतिक समन्वय के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
उपराज्यपाल का उद्बोधन: “समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है यह यात्रा”
उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि,
“बाबा अमरनाथ के आशीर्वाद से और बुनियादी सुविधाओं में हुई उल्लेखनीय वृद्धि से इस वर्ष की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए न केवल सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगी, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभूति भी प्रदान करेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि श्री अमरनाथजी यात्रा न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
“यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है कि हम shoulder to shoulder मिलकर इस यात्रा को सफल बनाएं।”
श्री सिन्हा ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन, पुलिस बल, केंद्रीय सुरक्षाबलों और विभिन्न अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही तैयारियों पर प्रकाश डाला और बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कई नई पहलें की गई हैं जिनमें—
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उन्नत यात्री पंजीकरण प्रणाली
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बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
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हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं
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ट्रैकिंग सिस्टम
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सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती
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आपातकालीन हेल्पलाइन केंद्र
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बेहतर आवासीय एवं खाद्य प्रबंधन
शामिल हैं।
नेताओं ने दिए रचनात्मक सुझाव
बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने यात्रा के शांतिपूर्ण और सफल संचालन के लिए अपने सुझाव दिए और प्रशासन को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कहा कि,
“अमरनाथ यात्रा के लिए स्थानीय लोग हर वर्ष अपनी सेवाएं देते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रियों की सुविधाओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों के जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।”
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने सुझाव दिया कि यात्रा मार्गों के साथ मेडिकल कैंपों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि ऊंचाई पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से समय रहते निपटा जा सके।
पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती ने यह सुझाव दिया कि महिलाओं और बुजुर्ग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं होनी चाहिए, जैसे—
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वॉलंटियर सहयोग दल
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महिला पुलिसकर्मी की तैनाती
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वृद्ध यात्रियों के लिए रेस्क्यू हेलीपैड सेवाएं
सज्जाद गनी लोन ने यात्रा के दौरान पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर प्लास्टिक और कचरे के निपटान हेतु अलग से ग्रीन ज़ोन बनाए जाएं।
सुरक्षा व्यवस्था: सेना और पुलिस की चौकसी
श्री अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा हमेशा से एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। इस बार भी आतंकवाद की संभावित धमकियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सेना के विशेष दस्तों की तैनाती की गई है।
बैठक में डीजीपी जम्मू-कश्मीर और मुख्य सचिव ने प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि—
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कुल 40000 से अधिक जवानों की तैनाती की जाएगी
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ड्रोन और सैटेलाइट आधारित निगरानी
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सीसीटीवी और फेशियल रिकग्निशन कैमरों की स्थापना
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यात्रियों की बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन प्रणाली
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हाई रिस्क ज़ोन की पहचान और नियमित गश्त
इसके अलावा यात्री वाहनों की ट्रैकिंग के लिए GPS आधारित ऐप को अनिवार्य किया गया है।
स्थानीय प्रशासन की अहम भूमिका
अमरनाथ यात्रा की सुचारू और सुरक्षित संचालन के लिए स्थानीय प्रशासन को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक ज़िले के जिला आयुक्त (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा, यातायात नियंत्रण और सुविधाओं की व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ समन्वय स्थापित कर लिया गया है ताकि यात्रियों को यात्रा मार्ग में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
इन प्रयासों के अंतर्गत शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, चलती फिरती शौचालय (मोबाइल टॉयलेट), भोजन वितरण की व्यवस्था, और राहगीरों की सहायता हेतु विशेष काउंटरों की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है। यह समन्वय न केवल प्रशासनिक कुशलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार सरकार और समाज एकजुट होकर तीर्थ यात्रियों की सेवा में तत्पर हैं।
आर्थिक प्रभाव: राज्य के लिए वरदान
अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर के आर्थिक तंत्र में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हर साल इस यात्रा से राज्य को करोड़ों रुपए की आय होती है। होटल व्यवसाय, टैक्सी सेवा, हस्तशिल्प, स्थानीय खान-पान, टूर गाइड, खच्चर मालिक और छोटे दुकानदारों को इस यात्रा से बड़ा लाभ होता है।
उपराज्यपाल ने कहा कि इस बार की यात्रा स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का एक अवसर है, और इसका समुचित लाभ सभी को मिलना चाहिए।
यात्रियों के लिए विशेष सुविधा केंद्र
यात्रियों को विभिन्न जानकारी और सहायता देने हेतु हेल्पलाइन केंद्र, ऑनलाइन मोबाइल ऐप, काउंटर वैन, और सूचना पटल लगाए जा रहे हैं। इसमें—
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पंजीकरण की स्थिति
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मौसम की जानकारी
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हेल्थ अलर्ट
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यात्रा मार्ग की स्थिति
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सुरक्षा अलर्ट
जैसी जानकारियां साझा की जाएंगी।
नवाचार और तकनीक का समावेश
इस वर्ष यात्रा में तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। इसमें शामिल हैं:
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी
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आईओटी आधारित हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम
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लाइव वेदर अपडेट्स
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QR कोड आधारित ट्रैकिंग
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हेल्थ ब्रेसलेट
निष्कर्ष: “यह यात्रा हमारी विरासत है“
बैठक के समापन पर उपराज्यपाल ने कहा कि
“राजनीति भले ही अलग-अलग राहों पर हो, पर श्री अमरनाथ यात्रा हमारी साझा विरासत है। इसे शांतिपूर्ण, सुरक्षित और भव्य रूप से संपन्न करना हम सभी का कर्तव्य है।”
नेताओं ने एक स्वर में यात्रा की सफलता हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया।