Correspondent: GT Express | 15.07.2025 | Ghar Tak Express |
14.07.2025 सेवाकार्यों की प्रशंसा की। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आदर्श कुमार गोयल सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। श्री शाह ने परिषद की भूमिका को ‘विकसित भारत’ की दिशा में एक सशक्त सामाजिक सेतु बताते हुए कहा कि भारत विकास परिषद ने सेवा, संस्कार और संगठन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की भावना को सशक्त किया है।
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि किसी संस्था का 63 वर्षों तक निर्विवाद, सक्रिय और सृजनशील बने रहना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि “63 वर्ष किसी व्यक्ति के जीवन में वृद्धावस्था हो सकती है, लेकिन किसी संगठन के लिए यह युवावस्था होती है।” उन्होंने परिषद के संस्थापकों को तपस्वी कहा, जिनके त्याग और परिश्रम से यह संगठन सेवा के क्षेत्र में अग्रणी बना। उन्होंने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचारों पर आधारित ‘समर्पण’, ‘संगठन’ और ‘संस्कार’ के गुणों को आत्मसात कर परिषद सज्जन शक्ति का निर्माण कर रही है।
श्री शाह ने कहा कि भारत विकास परिषद ने समाज के उन वर्गों तक सेवा पहुँचाई है, जो अत्यंत उपेक्षित रहे हैं। संस्था ने एक सेतु की भूमिका निभाई है – सेवा देने वालों और सेवा पाने वालों के बीच। उन्होंने परिषद की कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि संस्था ने सेवा को संगठन, संगठन को संस्कार और संस्कार को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने का अनूठा मॉडल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, “भारत विकास परिषद केवल एक संस्था नहीं है, बल्कि यह एक विचार है – जो हर भारतीय को भारत के तत्वों से जोड़ता है।”
इस अवसर पर मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय हेमम नीलमणि सिंह को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। श्री शाह ने बताया कि 1944 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर श्री सिंह आज़ाद हिंद फौज में शामिल हुए थे और अपने जीवन की पूरी पूंजी आज़ादी के आंदोलन को समर्पित कर दी थी। उन्होंने मणिपुर में हिंदी भाषा और राष्ट्रीय एकता के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया। गृह मंत्री ने कहा कि जब वे पहली बार मणिपुर गए, तब वहाँ के युवाओं को हिंदी में बात करते देख वे चकित हुए। पूछने पर युवाओं ने इसका श्रेय श्री नीलमणि सिंह को दिया।
अपने विस्तृत संबोधन में श्री अमित शाह ने भारत विकास परिषद की राष्ट्रीय पहुंच का उल्लेख करते हुए बताया कि संस्था की 1600 से अधिक शाखाएं देश के 412 जिलों में कार्यरत हैं, जिनसे 84 हजार से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं। उन्होंने परिषद के स्वयंसेवियों की कार्यशैली का उल्लेख करते हुए कहा, “यह कार्यकर्ता आपदा में राहत बनकर, रोगी के लिए रक्तदाता बनकर, गांव-गांव में संस्कार शिविर लगाकर, तथा शिक्षा संस्थानों में संस्कार का दीप जलाकर समाज को नया स्वरूप दे रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प की चर्चा करते हुए बताया कि यह केवल एक दृष्टिकोण नहीं बल्कि संकल्प, कल्पना और क्रियान्वयन की त्रिवेणी है। मोदी जी के पांच लक्ष्यों — विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, सांस्कृतिक विरासत पर गर्व, राष्ट्रीय एकता और नागरिक कर्तव्य भावना — को रेखांकित करते हुए श्री शाह ने कहा कि भारत विकास परिषद इन सभी लक्ष्यों को सेवा मार्ग से प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है।
श्री शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के बीते 11 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए बताया कि बिना किसी बड़े प्रचार या नारे के सेवा भावना के साथ 55 करोड़ से अधिक जनधन खाते खोले गए, 15 करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया, 12 करोड़ शौचालय बनाए गए, 10 करोड़ घरों में गैस सिलिंडर, और 4 करोड़ को मकान प्रदान किए गए। उन्होंने ‘लखपति दीदी’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की मुख्यधारा से जोड़ना, विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।
गृह मंत्री ने औपनिवेशिक विरासत से मुक्ति के मोदी सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ रखा गया, कैसे नौसेना का चिह्न बदला गया, और कैसे संसद भवन में सेंगोल की स्थापना ने भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जाग्रत किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कर्तव्यों की बात करना संविधान की आत्मा को जमीन पर लाने का कार्य है।
श्री शाह ने देश के सांस्कृतिक गौरव को पुनः स्थापित करने की दिशा में किए गए कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि काशी, उज्जैन, शारदापीठ और करतारपुर कॉरिडोर जैसे स्थानों का पुनरोद्धार विकास और विरासत के समन्वय का प्रतीक है। साथ ही, आईआईएम, आईआईटी, और एम्स की संख्या तीन गुना करना, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को प्राथमिकता देना और एआई, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना, एक समावेशी भविष्य की दिशा में कदम हैं।
उन्होंने कहा कि भारत आज डिजिटल पेमेंट, ग्रीन हाइड्रोजन, ड्रोन और स्पेस टेक्नोलॉजी में अग्रणी बन चुका है। देश ने आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव के माध्यम से 140 करोड़ भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों से जोड़ा है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान, धारा 370 की समाप्ति, सीएए और नक्सलवाद के विरुद्ध उठाए गए कदम, सहकारिता मंत्रालय की स्थापना — यह सभी एक दूरदृष्टि से प्रेरित नीतिगत प्रयास हैं।
कार्यक्रम के अंत में श्री शाह ने आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि विरासत और विकास को साथ लेकर देश को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल सरकारें देश की सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकतीं, जब तक सेवा और समर्पण के भाव से संगठन आगे न आएं। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद इस मार्ग पर दशकों से अग्रणी रही है, और आगे भी रहेगी।
Source : PIB
प्र1: भारत विकास परिषद की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: भारत विकास परिषद की स्थापना वर्ष 1962 में हुई थी। यह संस्था सेवा, संस्कार और संगठन के सिद्धांतों पर कार्य करती है।
प्र2: भारत विकास परिषद का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: परिषद का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के मूल्यों के आधार पर समाज सेवा, राष्ट्रीय एकता, संस्कार निर्माण और समरसता के लिए कार्य करना है।
प्र3: परिषद के कितनी शाखाएं और कितने सदस्य हैं?
उत्तर: वर्तमान में परिषद की देशभर में 1600 से अधिक शाखाएं हैं, जो 412 जिलों में फैली हैं। इससे 84 हजार से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं।
प्र4: भारत विकास परिषद किन क्षेत्रों में सेवा कार्य करती है?
उत्तर: परिषद आपदा राहत, रक्तदान, स्वास्थ्य शिविर, संस्कार शिविर, ग्रामीण विकास, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सेवा कार्य करती है।
प्र5: मणिपुर के हेमम नीलमणि सिंह को किस कारण से मरणोपरांत सम्मानित किया गया?
उत्तर: श्री हेमम नीलमणि सिंह नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर आज़ाद हिंद फौज में शामिल हुए थे और स्वतंत्रता संग्राम, हिंदी भाषा के प्रसार और सामाजिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके इन्हीं योगदानों के लिए उन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया गया।