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भारत को मिला सबसे बड़ा Gati Shakti ऑटोमोबाइल कार्गो टर्मिनल, मानेसर से लॉजिस्टिक क्रांति की शुरुआत

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भारत को मिला देश का नया गर्व: गति शक्ति ऑटोमोबाइल कार्गो टर्मिनल

भारत ने एक बार फिर परिवहन, कार्गो और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है। देश ने अपना सबसे बड़ा गति शक्ति ऑटोमोबाइल कार्गो टर्मिनल निर्मित किया है, जो ऑटो निर्माण कारखानों से कारें अधिक गति, अधिक क्षमता और अधिक सुरक्षा साथ उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम करेगा। इसका मुख्य लक्ष्य देश की कार्गो परिवहन क्षमता बढ़ाकर ऑटो सेक्टर की आपूर्ति शृंखला (सप्लाई चेन) अधिक कारगर, अधिक विश्वसनीय और अधिक गति वाली बनाने का है।

गति शक्ति कार्गो टर्मिनल मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना “गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान” का ही एक अहम भाग है, जिसका लक्ष्य इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाें का एक एकीकृत, समन्वित, गति संपन्न, कारगर ढांचा तैयार करना है।


टर्मिनल का स्थान, क्षमता और सुविधाएँ

यह कार्गो टर्मिनल हरियाणा या गुजरात जैसे ऑटो निर्माण केंद्रों या दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर स्थित किया गया है (जैसा कि अधिकतर कार कारखाने दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु इत्यादि क्षेत्रों में स्थित हैं)। इसका मुख्य लक्ष्य कार निर्माताओं की कारें कारखाने से बाहर निकलने साथ ही रेलवे या कार्गो ट्रेनों पर आसानी से लाद दी जायें, ताकि उनके परिवहन पर लगने वाली लॉजिस्टिक कॉस्ट्स अधिक कारगर रहेँ, कारें तय शिपमेंट शेड्यूल पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें, और निर्यात या देशभर आपूर्ति अधिक गति से संभव हो सके।

यह कार्गो टर्मिनल लगभग 500 कारें एक साथ स्टोर या ट्रांसफर कर सकने की क्षमता रखा हुआ है। इसका ट्रैक लेआउट विशेष रूप से कार परिवहन ट्रेनों या ऑटो कार्गो वैगनों की आसान लोडिंग व अनलोडिंग सुनिश्चित करता है। यहाँ कारें विशेष रूप से निर्मित रैंप्स पर चढ़ाई या गिराई जाती हैं, ताकि अधिकतर कारें एक साथ, एक ही शिफ्ट या एक ही ट्रेन में शिप किया जा सकें।


गति शक्ति कार्गो टर्मिनल की विशेषताएँ

स्वचालित कार्गो लोडिंग: कारें विशेष रूप से निर्मित रेलवे ट्रैक्स पर चढ़ाई जाती हैं, जहाँ ट्रेनों तक कारें आसानी से पहुंचाई जा सकें, इससे कार्गो लोडिंग अधिक गति से किया जा सकेगा।

भंडारण क्षमता: यहाँ कारें अस्थाई रूप से स्टोरा किया जा सकेंगी, ताकि कार निर्माती कंपनियों या शिपिंग एजेंट्स की जरूरत अनुसार शिपमेंट किया जा सके।

ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर से संपर्क: कार्गो टर्मिनल दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर या ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जैसे मुख्य कार्गो मार्गों से सीधा जुड़ा हुआ है, जिससे कारें अधिक गति, सुरक्षा और तय शिपमेंट शेड्यूल पर देश भर या निर्यात केंद्र तक पहुंचाई जा सकें।

गति शक्ति योजना तहत निर्मित: इसका डिजाइन, निर्माण, क्षमता योजना और क्रियान्वयन गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत किया गया है, ताकि अधिकतर कार्गो सुविधाएँ एक साथ एकीकृत होकर काम कर सकें।


गति शक्ति कार्गो टर्मिनल का महत्व

गति शक्ति कार्गो टर्मिनल केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना ही नहीं है, इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर अधिक महत्वपूर्ण प्रभाव होगा।

परिवहन खर्च होगा कम: कारें कार्गो ट्रेनों या विशेष कार्गो कार्स से अधिक कारगर ढंग से शिप किया जा सकेंगी, इससे ट्रांस्पोर्ट कॉस्ट घटेगी, कार निर्माताओं की प्रतिस्पर्धिता बढ़ेगी, साथ ही कारें अधिक सस्ती दर पर लोगों तक पहुंच सकेंगी।

कार निर्माण केंद्र अधिक जुड़ेँगे: इसका लाभ मुख्य कार निर्माण केंद्रों, असेंबली प्लांट्स, निर्यात कार्गो केंद्रों और मुख्य शिपिंग पोर्ट्स तक पहुंचेगा, इससे कार निर्माताओं की सप्लाई चेन अधिक कारगर रहेगी।

निर्यात क्षमता में सुधार: कारें अधिक गति, अधिक सुरक्षा और अधिक क्षमता साथ शिप किया जा सकेंगी, इसका लाभ कार निर्यात पर भी पड़ेगा। इससे भारतीय कारें अधिक आसानी से विदेशी बाज़ार तक पहुंच सकेंगी, निर्यात आदेश अधिक कारगर ढंग से पूरे किए जा सकेंगे, साथ ही निर्यात राजस्व भी बढ़ेगा।

रोज़गार सृजन: कार्गो टर्मिनल ने ट्रांस्पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, कार्गो संचालन, सुरक्षा, अनुरक्षण इत्यादि क्षेत्रों में नए रोज़गार भी प्रदान किए हैं।


गति शक्ति कार्गो टर्मिनल – एक दीर्घकालिक निवेश

गति शक्ति कार्गो टर्मिनल एक दीर्घकालिक इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश है, जो अगले एक या दो दशक तक देश की कार्गो शिपिंग जरूरतें कारगर ढंग से संभालेगा। इसका निर्माण भविष्य की जरूरतें, कार निर्माण क्षमता, निर्यात आदेश और आंतरिक खपत — इन सभी कारकों ने मध्य नजर रखा हुआ किया गया है।

यह कार्गो टर्मिनल अधिक कारें संभालने, अधिक कार्गो ट्रेनों की एक साथ लोडिंग या अनलोडिंग, अधिक स्टोरा क्षमता, अधिक गति और अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, जो ऑटो निर्माण उद्योग, रेलवे कार्गो, निर्यात शिपमेंट्स, सप्लाई चेन इत्यादि सभी क्षेत्रों के लिए वरदान होगा।


निष्कर्षः एक नया कार्गो क्रांति

गति शक्ति कार्गो टर्मिनल मात्र एक सुविधाओं या इन्फ्रास्ट्रक्चर केंद्र नहीं है, यह कार्गो परिवहन क्षेत्र और ऑटो निर्माण उद्योग की गति, क्षमता, कारगरिता और प्रतियोगिता क्षमता बढ़ाकर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाली परियोजना है।

यह प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की सफलता का एक उदाहरण है, जो दर्शाता है कि एक एकीकृत योजना, कारगर क्रियान्वयन, और दूरदृष्टि ने देश की ढुलाई व्यवस्था, कार्गो शिपमेंट्स, निर्यात क्षमता, रोज़गार और अर्थव्यवस्था पर कितने गहरे प्रभाव डाल सकें हैं।

भारत के रेल, सूचना एवं प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड, मानेसर में देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल Gati Shakti मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर ने भारतीय रेलवे की लॉजिस्टिक क्षमताओं में एक नया अध्याय जोड़ा है।


मानेसर से पटलि स्टेशन तक 10 किमी विशेष रेल लिंक

मारुति सुज़ुकी के मानेसर संयंत्र को पटलि रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर लंबी विशेष रेल लिंक के माध्यम से जोड़ा गया है, जो कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (121.7 किमी) का हिस्सा है। इस परियोजना पर ₹800 करोड़ का निवेश हुआ है, जिसमें HRIDC ने ₹684 करोड़ का योगदान दिया है जबकि शेष लागत मारुति सुज़ुकी ने वहन की है।

इस टर्मिनल की लोडिंग क्षमता प्रति वर्ष 4.5 लाख वाहनों की है, जो इसे देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल कार्गो टर्मिनल बनाता है।


रेलवे में अभूतपूर्व वृद्धि: बजट से लेकर सुविधाएं तक

मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2014 से पहले रेलवे का वार्षिक बजट ₹24,000–25,000 करोड़ के आसपास था, जिसे अब बढ़ाकर ₹2.5 लाख करोड़ कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, “पहले स्टेशन और कोचों में मूलभूत सुविधाएं जैसे शौचालय भी नहीं होते थे, लेकिन अब रेलवे में आम यात्रियों के लिए सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं।”

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक साल में 1,200 से अधिक सामान्य कोच जोड़े गए हैं, जिससे ग्रामीण और मध्यमवर्गीय यात्रियों को सीधा लाभ हुआ है।


MEMU व Namo Bharat ट्रेनों का तेजी से विस्तार

मंत्री ने एलान किया कि देशभर में चल रही 100 से अधिक MEMU ट्रेनों को 8 से बढ़ाकर 12 और 20 कोच तक किया जाएगा।
इसके लिए काज़ीपेट, आंध्र प्रदेश में एक नई फैक्ट्री की स्थापना की गई है।

‘नमो भारत’ ट्रेन के प्रति जनता की उत्साही प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार ने 50 नई ट्रेनों के निर्माण का निर्णय लिया है।


2023–24 में ऐतिहासिक प्रदर्शन

भारतीय रेलवे ने 2023–24 में 720 करोड़ यात्रियों और 1,617 मिलियन टन माल का परिवहन कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह विश्व स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी माल परिवहन प्रणाली बन गई है।


Tatkal टिकट में नया सुधार

1 जुलाई 2025 से Tatkal टिकट बुकिंग में नया नियम लागू होगा, जिसके तहत पहले 30 मिनट केवल आधार प्रमाणीकरण व KYC सत्यापित यूज़र्स ही टिकट बुक कर सकेंगे। यह बदलाव टिकट दलालों पर अंकुश लगाने और आम यात्रियों को प्राथमिकता देने हेतु किया गया है।


Amrit Bharat Trains और नया चार्ट सिस्टम

अब तक तीन अमृत भारत ट्रेनें चल रही हैं, और जल्द ही 6 और ट्रेनों की शुरुआत की जाएगी। 50 और ट्रेनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

बीकानेर डिवीजन में आरक्षण चार्ट अब ट्रेन प्रस्थान से 24 घंटे पहले बनाया जा रहा है, जिससे यात्रियों को अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिल रही है।

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